चुनौतियों के अनुसार खुद को ढालने में मदद मिली तो परीक्षा में अच्छे नंबर हासिल किए
न्यू साउथ वेल्स,। शिक्षकों का विद्यार्थियों के साथ दोस्ताना या अपनेपन का व्यवहार उन्हें कामयाब बनाने में सहायक है। इससे छात्र परीक्षा में अच्छा रिजल्ट हासिल करते हैं और उनके असफल होने की आशंका बेहद कम हो जाती है। ऑस्ट्रेलिया स्थित मैक्वेरी यूनिवर्सिटी के शोधार्थियों द्वारा किए एक अध्ययन में ये निष्कर्ष सामने आए।
शोध में पाया गया, चुनौतियों के अनुसार खुद को ढाल लेने वाले छात्रों के शैक्षणिक परिणाम अधिक सकारात्मक होते हैं। इनमें अपने काम के साथ अधिक प्रयास करना, बेहतर अध्ययन कौशल रखना और ऐसा न कर पाने वाले छात्रों की तुलना में स्कूल का अधिक आनंद लेना शामिल है। है। यह सब तभी संभव हो पाता है जब शिक्षकों का अपने छात्रों के प्रति मित्रवत व्यवहार होता है।
कैसे हुआ अध्ययन : 292 सरकारी स्कूलों में 71,861 हाईस्कूल के छात्रों की प्रतिक्रियाओं पर आधारित है। बच्चों ने ‘टेल देम फ्रॉम मी’ सर्वेक्षण में हिस्सा लिया। छात्रों की प्रतिक्रियाएं एक वर्ष के अंतराल पर दो बिंदुओं पर एकत्र की गई।
एक बार 2018 स्कूल वर्ष की शुरुआत में जब छात्र 7 11 वर्ष में थे और फिर एक साल बाद 2019 में
71,861 विद्यार्थियों को किया गया सर्वे में शामिल, प्रतिक्रियाएं जानी 292
स्कूलों के बच्चों पर छह वर्ष तक किया गया अध्ययन
जब वे 8-12 साल के थे। स्कूल । महानगरीय ग्रामीण और क्षेत्रीय इलाकों में थे।
इसमें शिक्षकों से शैक्षणिक और का आयुर्वेदिक मलहम भावनात्मक समर्थन, छात्रों की स्कूल से जुड़ी भावना और कक्षा में व्यवहार संबंधी सवाल शामिल किए गए। हमने पाया कि वे छात्र तो अपने शिक्षकों से मित्रवत व्यवहार बना सके उनका रिजल्ट अच्छा रहा।
अपनेपन को कैसे बढ़ावा दें
■ बच्चों को डराने-धमकाने की जगह उनसे मित्र की तरह बात करना।
■ छात्रों में विश्वास बढ़ाने के लिए कार्यक्रम आयोजित करना।
■ छात्रों को अपनी भावनाओं के प्रति जागरूक रहना सिखाना।
खराब रिजल्ट की वजह के बारे में बताना और सुधार के उपाय समझाना।
1 क्या निष्कर्ष सामने आए |
रोजाना स्कूल आने को प्रेरित हुए
शोध में शामिल बच्चों ने बताया, 1 शिक्षकों से अच्छे रिश्ते होने पर उन्हें स्कूल से जुड़े होने का अधिक एहसास हुआ। इसने उन्हें रोजाना स्कूल आने, शिक्षकों से सवाल पूछने के लिए प्रेरित किया। इससे उनका पढ़ाई पर अधिक मन लगा और पहले की तुलना में अच्छी ग्रेड आई।
2 शिक्षकों से मित्रवत रिश्ते नहीं बना पाने वाले बच्चों ने स्कूल मैं खुद को अलग-थलग महसूस किया। ऐसे बच्चों ने माना कि वे तनाव और नकारात्मकता के शिकार हुए हैं। इससे वे कई बार स्कूल से अनुपस्थित रहे और इसका असर उनके रिजल्ट पर पड़ा।