लखनऊ : माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों व कर्मचारियों को उत्पीड़न से बचाने के लिए अब उनसे समय-समय पर फीडबैक लिया जाएगा। इनसे पूछा जाएगा कि अवकाश देने सहित अन्य लाभ पाने के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआइओएस) कार्यालय का कोई अधिकारी या बाबू उनसे घूस तो नहीं मांग रहा है। शिकायत करने वाले शिक्षकों व कर्मचारियों का नाम गोपनीय रखा जाएगा। इसकी जांच मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक करेंगे। यदि आरोप सही पाए गए तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
महानिदेशक, स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने बताया कि परिषदीय स्कूलों की तर्ज पर अब माध्यमिक स्कूलों में भी शिक्षकों व कर्मचारियों को भी परेशानियों से बचाने के लिए विद्या समीक्षा केंद्र के माध्यम से फीडबैक लिया जाएगा। जिलों में कम से कम 50 प्रतिशत शिक्षकों व कर्मचारियों को सीधे काल कर या फिर इंटरएक्टिव वायस रिस्पांस सिस्टम (आइवीआरएस) के माध्यम से फीडबैक लिया जाएगा। उदाहरण के तौर पर अगर किसी शिक्षक या कर्मचारी ने मानव संपदा पोर्टल पर अवकाश के लिए आनलाइन आवेदन किया है तो क्या उससे छुट्टी स्वीकृत करने की एवज में धन की मांग की जा रही है, यदि उनका उत्तर हां में होगा तो तत्काल संबंधित डीआइओएस के खिलाफ जांच मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक जांच करेगा। वह निर्धारित समय- सीमा में अपनी रिपोर्ट देंगे