लखनऊ। प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति के मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी टॉप पर है। निपुण भारत योजना के तहत मुख्य सचिव को प्रेषित सर्वे रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है। जिसमें वाराणसी के प्राइमरी स्कूलों में प्रतिदिन औसतन 60 प्रतिशत तक बच्चों की उपस्थिति दर्ज की गई है। वहीं प्रदेश के सीमावर्ती जिले ललितपुर में छात्रों की उपस्थिति सबसे खराब पाई गई है। जहां छात्रों की उपस्थिति मात्र 44 फीसदी तक ही दर्ज की गई है।
ये जिले हैं सबसे टाप पर रिपोर्ट के अनुसार स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति के मामले में वाराणसी के बाद सुलतानपुर दूसरे नम्बर पर है जहां 59 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज की गई है जबकि कन्नौज, मुजफ्फरनगर और शामली तीसरे नम्बर पर हैं।
रिपोर्ट में ललितपुर समेत खराब स्थिति वाले 10 जिले मसलन चंदौली, फिरोजाबाद, गोण्डा, सीतापुर, रामपुर, जालौन, कौशाम्बी तथा संभल के स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने को अभियान चलाने की संस्तुति की गई है।
उपस्थिति का फर्जीवाड़ा रोकने का दावा
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद के मुताबिक, प्रदेश में लगातार की गई हाईटेक ऑनलाइन मॉनिटरिंग ने स्कूलों में छात्रों की संख्या के नाम पर होने वाले फर्जीवाड़े पर लगाम लगा दी है। जिन स्कूलों में कुछ वर्ष पूर्व तक छात्रों की शत-प्रतिशत उपस्थिति दिखा कर मध्यान्ह भोजन से लेकर अन्य सरकारी योजनाओं का गलत तरीके से लाभ ले लिया जाता था, उन्हीं स्कूलों की ऑनलाइन मानिटरिंग में बच्चों की उपस्थिति आधे से कम दिखने लगी है। पारदर्शी व्यवस्था रियल टाइम रिपोर्ट से फर्जीवाड़ों पर पूरी तरह से अंकुश लगना शुरू हो गया है। दूसरी तरफ संसाधन और सुविधाएं बढ़ाए जाने से और पढ़ाई की क्वालिटी में सुधार करने से प्राइमरी स्कूलों का आकर्षण बढ़ा है।
● प्रदेश में ललितपुर में स्थिति सबसे खराब
● निपुण भारत अभियान के तहत सर्वे रिपोर्ट प्रेषित
छात्रों की उपस्थिति के मामले में फिसड्डी जिले
जिले बच्चों की उपस्थिति
चंदौली 49
फिरोजाबाद 49
गोण्डा 49
शाहजहांपुर 49
सीतापुर 49
रामपुर 48
जालौन 47
कौशाम्बी 47
संभल 47
ललितपुर 44
छात्रों की उपस्थिति के मामले में टॉप टेन जिले
जिले बच्चों की उपस्थिति
वाराणसी 60
सुलतानपुर 59
कन्नौज 58
मुजफ्फरनगर 58
शामली 58
बागपत 57
जौनपुर 56
महोबा 56
आगरा 55
भदोही 55