लखनऊ,। स्कूल व कॉलेजों में अराजकता रोकने के लिए नई व्यवस्था लागू करते हुए उपद्रव करने वाले छात्रों की छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति रोकने की व्यवस्था की गई है। इस संबंध में जारी नई नियमावली में आचरण संबंधी कड़े प्रावधान किए गए हैं। संबंधित प्राधिकारियों को छात्रवृत्ति की सुविधा रद्द करने तक का अधिकार दिया गया है।
छात्रवृत्ति अभ्यर्थी की संतोषजनक प्रगति व आचरण पर निर्भर करने की व्यवस्था नई नियमावली में की गई है।
संस्थान प्रमुख अगर यह बताता है कि कोई अभ्यर्थी खुद के आचरण या चूक के कारण संतोषजनक प्रगति करने में असफल रहा है, तो उसे दुर्व्यवहार जैसे हड़ताल करने या उसमें भाग लेने या संबंधित प्राधिकारियों की अनुमति के बगैर उपस्थिति में अनियमितता आदि का दोषी पाए जाने पर छात्रवृत्ति रद्द किया जा सकता है या फिर इसे रोक सकता है। अनुसूचित जाति के हाईस्कूल के छात्र-छात्राओं के माता पिता के जीवित न होने पर अगर कोई संस्था या संभ्रांत व्यक्ति उन्हें पढ़ाई करवाने के उद्देश्य से गोद लेता है तो भी उन्हें छात्रवृत्ति योजना का लाभ मिलेगा।