आंगनबाड़ी केंद्रों को आदर्श बनाने के लिए दिशा-निर्देश जारी
जनप्रतिनिधि, अधिकारी, शैक्षिक संस्थान या संस्था ले सकती है गोद
डीएम की अनुमति से आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र विकसित किए जाएंगे
लखनऊ। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों के जरिए नवजात से लेकर 6 वर्ष तक के बच्चों के सर्वागीण विकास की योजना तैयार की जा रही है। इसमें बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के साथ ही उनकी अनौपचारिक शिक्षा जैसे प्रमुख एजेंडे को शामिल किया जाएगा। इसके तहत सबसे पहले सरकार आंगनवाड़ी केंद्रों को आदर्श बनाया जाएगा और केंद्रों को गोद देकर सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी। डीएम की अनुमति से आदर्श
केंद्र विकसित किए जाएंगे।आंगनबाड़ी केन्द्रों को आदर्श बनाने
के लिए जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और शैक्षिक संस्थाओं को आंगनवाड़ी केंद्रों को गोद लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए विभाग की ओर से दिशा-निर्देश जारी कर दिया गया है। जिसमें डीएम की अनुमति से आदर्श आंगनवाड़ी केंद्र विकसित
किया जाएगा। साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्रों को प्राथमिक शिक्षा से संबंधित सामग्रियों की किट उपलब्ध कराई जाएगी। शासन के दिशा-निर्देशों के मुताबिक पहले चरण में कुपोषण की अधिकता वाले आंगनबाड़ी केन्द्रों को चिह्नित किया जाएगा। इसके बाद इन केन्द्रों को डीएम की अनुमति से गोद दिए जाएंगे। इसके बाद इन केन्द्रों को शामिल किया गया है।
तय मानकों के आधार पर ‘आदर्श आंगनवाड़ी केंद्र’ के रूप में विकसित किया जाएगा। तय मानकों में कुपोषण मुक्त करना, केंद्रों में पंजीकृत 3-6 वर्ष के बच्चों के लिए अनौपचारिक शिक्षा (ईसीसीई) के स्तर में सुधार करना और केंद्रों में आधारभूत सुविधाओं का मुद्दीकरण करने
एक संस्था गोद ले सकती है 3 आंगनबाड़ी केंद्र
जिले में गोद लिए जाने वाले आंगनबाड़ी केंद्रों की सूची जिला कार्यक्रम अधिकारी या बाल विकास परियोजना अधिकारी संबंधित संस्था को उपलब्ध कराएंगे। जिसमें से संस्था द्वारा चयनित केन्द्र को गोद दिया जाएगा। इसके बाद उस आंगनबाड़ी केन्द्र को आवंटित कर दिया जाएगा। प्रत्येक शैक्षिक संस्थान संस्था द्वारा कम से कम 3 आंगनबाड़ी केंद्र को गोद लिया जा सकेगा।