#09अक्टूबर_लखनऊ_चलो
ऐसा लगता है कि प्रतिदिन शिक्षकों को अपमानित करना ,निलम्बित करना एवं वेतन रोकना ही अधिकारियों का गुड वर्क होता जा रहा है
अब सफ़ाई कर्मचारी विद्यालय की गतिविधियों का सत्यापन करेंगे ।
इससे पूर्व में रसोईया को गेंहूँ पिसाने भेजा तो शिक्षक निलम्बित
फ़र्रुख़ाबाद के बीएसए द्वारा मा उच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन न करने से तंग आकर शिक्षक ने जान दे दी लेकिन प्रकरण में निलंबित बीएसए के स्थान पर शिक्षक हुआ
शिक्षक विशुद्ध वेतन भोगी है उसका मकान निर्माण ,बच्चों की पढ़ाई ,बच्चों के विवाह सब बैंक लोन से हो रहे हैं जैसे ही उसका वेतन रोका जाता है या निलम्बित किया जाता है उसका पूरा परिवार तिलमिला जाता है ।
शिक्षकों के ऊपर निलंबन या वेतन रोकने की कार्यवाही बेवजह और उच्च अधिकारी को खुश करने के लिए की जाती है ।बेसिक शिक्षा में भ्रष्टाचार इतना गहरा गया है कि निलम्बन या वेतन बहाली में शिक्षक का वेतन लूट लिया जाता है ।
विद्यालय में शिक्षक केवल शिक्षण के लिये उत्तर दायी होना चाहिये
लेकिन शिक्षक को ग़ैर शैक्षणिक कार्यों के लिए ज़िम्मेदार ठहरा कर उसके विरुद्ध कार्यवाही करके शोषण किया जा रहा है और शोषण करने वालों को मीटिंग्स में ताली बजवा कर सम्मानित कराया जाता है
शिक्षक तनाव में जी रहे हैं क्योंकि किसी भी विभाग का कोई भी अधिकारी विद्यालय का निरीक्षण करके किसी भी बात पर शिक्षक को बेइज्जत कर जाता है या कार्यवाही करा देता है
अधिकारियों की दमनात्मक एवं भ्रष्ट कार्यशैली से शिक्षकों में ज़बरदस्त आक्रोश है लेकिन यही शिक्षक जब अधिकारियों के भ्रष्टाचार के विरोध में उतरते हैं तो अधिकारी बड़ी चालाकी से इन शिक्षकों को सरकार विरोधी साबित कर देते हैं
यह ऐसे अधिकारी हैं जो पिछली सरकार में कुछेक के पैर छूकर मलाई मार रहे थे अब यही काम यहाँ पर जारी है
यह तो मलाई मार कर चले जाते है लेकिन इनके कुकृत्यों से नाराज़ शिक्षक या कर्मचारी नुक़सान सरकार का करते हैं
इनकी तानाशाही व भ्रष्टाचार के विरोध में संघ के पदाधिकारी 9 अक्टूबर को शिक्षा निदेशालय पर धरना देंगे ।