कुंडा। प्राथमिक विद्यालयों का समय शिक्षा विभाग ने बदल दिया, बावजूद इसके जिम्मेदार शिक्षक समय से स्कूल नही पहुंच रहे हैं। शिक्षकों के इस रवैये का असर सीधे नौनिहालों के पठन-पाठन पर पड़ रहा है। शुक्रवार को परिषदीय स्कूलों की हकीकत खंगाली गई तो खुलासा हुआ कि कहीं बच्चे स्कूल में सफाई कर रहे हैं तो कहीं विद्यालय परिसर में झाड़ियां उगी हैं। शिक्षकों के विद्यालय समय से नहीं पहुंचने के कारण बच्चे मनमाने तरीके से परिसर के बाहर घूमते नजर आए।
उच्च प्राथमिक विद्यालय करीमनगर चौंसा में 205 बच्चे पंजीकृत हैं। यहां पांच शिक्षक और दो शिक्षामित्र तैनात हैं। शुक्रवार को स्कूल में हेडमास्टर कमलेन्द्र राही 8.40 बजे पहुंचे लेकिन सहायक अध्यापक सचिन जायसवाल 9.10 बजे विद्यालय पहुंचे। शेष तीन शिक्षिकाएं अनुपस्थित रहीं।
प्राथमिक विद्यालय लरु के हेडमास्टर शुक्रवार को 9.37 बजे स्कूल पहुंचे जबकि सहायक अध्यापक 9.50 बजे पहुंचे। स्कूल का ताला खोलने की जिम्मेदारी शिक्षामित्र को सौंपी गई है। एक महिला शिक्षामित्र विद्यालय नही आई थीं। ग्रामीणों के मुताबिक शिक्षक इसी तरह रोज लेटलतीफ विद्यालय पहुंचते हैं।
कम्पोजिट विद्यालय गोबरा में शुक्रवार को हेडमास्टर ठीक नौ बजे पहुंचे और जल्दबाजी में बच्चों से बिना प्रार्थना कराए ही कक्षा में बैठाकर पढ़ाई शुरू कर दी। यही रवैया सहायक अध्यापक व अनुदेशक का भी रहा। महिला सहायक अध्यापिका व शिक्षामित्र स्कूल नहीं आई थीं।
विकास खंड बिहार के उच्च प्राथमिक विद्यालय मंडल भासौं मे शुक्रवार सुबह 8.50 बजे पहुंचे पर शिक्षामित्र ने विद्यालय का गेट खोला। परिसर में दाखिल हुए बच्चों ने साफ-सफाई शुरू कर दी। हेडमास्टर सहित सहायक अध्यापक 9.15 से 9.30 बजे तक पहुंचे। पूछने पर बताया कि सफाईकर्मी नहीं है ऐसे में बच्चों से सफाई कराई जाती है।
विकास खंड कालाकांकर के प्राथमिक विद्यालय खुरुहजी में शुक्रवार सुबह साढ़े नौ बजे तक ताला लटक रहा था। इसके बाद सबसे पहले हेडमास्टर और इसके बाद शिक्षक पहुंचे। महिला सहायक अध्यापिका व शिक्षामित्र अवकाश पर रहे।