प्रयागराज, संविलियन विद्यालय चक सिकन्दर सैदाबाद में प्रतिदिन सुबह लग रही अनूठी हाजिरी बच्चों को संस्कृत के कठिन शब्द सीखने में मददगार साबित हो रही है। स्कूल की सहायक अध्यापिका डॉ. रीना मिश्रा ने नये सत्र में उच्च प्राथमिक कक्षाओं में पढ़ाना शुरू किया तो दस प्रतिशत बच्चे ही संस्कृत पढ़ पाते थे। बच्चों को संस्कृत सिखाने के लिए उन्होंने नवाचार किया। सुबह हाजिरी के समय यस मैम या प्रेजेंट मैम की जगह जिस बच्चे को संस्कृत का जो शब्द कठिन लगता था उसे वही शब्द बोलकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने को कहा गया।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से शिक्षाशास्त्रत्त् में डीफिल, एमए, एमएड और बीए संस्कृत से करने वाली शिक्षिका डॉ. रीना मिश्रा ने बताया कि इस नवाचार से न सिर्फ उस बच्चे ने कठिन शब्द बोलना सीख लिया बल्कि सुन-सुनकर दूसरे बच्चों का भी अभ्यास हो गया। ऐसे ही एक शब्द सीखने के बाद बच्चा दूसरा कठिन शब्द ले लेता है। इस प्रकार बच्चे आसानी से संस्कृत भाषा के कठिन शब्द बोलने में निपुण हो रहे हैं। साथ ही संस्कृत भाषा की ओर उनकी रुचि बढ़ रही है।
महज तीन महीने के अभ्यास का नतीजा है कि कक्षा छह से आठ तक के 300 बच्चों में से जहां दस प्रतिशत संस्कृत पढ़ पाते थे वहीं आज 80 फीसदी बच्चे निपुण हो गए हैं। कक्षा सात के गोलू को नास्मयहं, अनीस कुमार को स्वत्ययस्तु, अभिषेक को विनीतंप्रार्थकेयम, आकाश को द्वारादिनिर्माण तो कक्षा छह की दिव्या को मातृस्वरूपा, करिश्मा को स्वेच्छया, काजल को प्रकृतिप्रदत्तानि, बेबी को सर्वदे शब्द बोलने में कठिनाई होती थी। इसी प्रकार अन्य बच्चों को कई शब्द बोलने में समस्या थी। लेकिन अनूठी हाजिरी ने उनकी मुश्किल आसान कर दी।
100 प्रतिशत उपस्थिति पर स्टार अवार्ड
संस्कृत के कठिन शब्दों का हाजिरी से अभ्यास करवाने के साथ ही रीना मिश्रा बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए ‘रोज आओ स्टार पाओ’ कार्यक्रम भी चला रही हैं। हर महीने के अंत में 100 उपस्थिति रहने वाले बच्चों को अभिप्रेरणा पुरस्कार के साथ स्टार ऑफ मंथ का बैज दिया जाता है। ऐसा करने से हर महीने 100 उपस्थिति वाले बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है।