चंदौली जिले के नौगढ़ प्राथमिक विद्यालय कुबराडीह में एक अध्यापक ऐसे हैं, जिनका उदाहरण लोग इसलिए इस्तेमाल करते हैं ताकि कोई उनके जैसा न बन जाए। अब उनके काम ही निराले हैं। कुछ शिक्षक तो इस पेशे के लिए बदनुमा दाग होते हैं, जिनसे शिक्षक समुदाय कलंकित होता है।
वैसे तो अध्यापक को जीवन का वो पिलर माना जाता है, जिसके सहारे बच्चा दुनिया को अलग नज़रिए से देखता है। शिक्षक की विद्यालय में भूमिका डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन् ने लिखा है कि “समाज में अध्यापक का स्थान बहुत महत्वपूर्ण है। वह एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को बौद्धिक परंपरायें तथा तकनीकी कौशल पहुँचाने का केन्द्र है एवं सभ्यता के प्रकाश को प्रज्ज्वलित रखने में सहायता देता है।”
साथ ही बताया जाता है कि एक सच्चा अध्यापक जीवन-पर्यन्त विद्यार्थी बना रहता है। मगर विकास खंड नौगढ़ के इस स्कूल में हेडमास्टर ने इन तमाम परिभाषाओं को गलत साबित करते हुए यह साबित कर दिया कि सभी शिक्षक आइडल नहीं होते। वे शराब के नशे में धुत होकर स्कूल पहुंच गए और सहायक अध्यापक को गाली गलौज करने लगे इस हरकत के बाद जब एक्शन हुआ तो हेड मास्टर सस्पेंड हो गए हैं।
हेड मास्टर जी पर शराब पीकर स्कूल आने और बच्चों के साथ गाली गलौज करने के आरोप लगे थे, जो प्रारंभिक जांच में सही पाए गए। यहां के हेड मास्टर बृजेश पांडेय स्कूल में शराब पीकर आना, बच्चों के साथ मारपीट और सहायक अध्यापक गोपाल सिंह के साथ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप है।
मामले में एबीएसए नागेंद्र सरोज की जांच रिपोर्ट के बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सत्येंद्र सिंह ने हेड मास्टर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। आरोपी हेडमास्टर सहायक अध्यापक के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग करने की शिकायत मिली थी। उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से हेड मास्टर को इसके पहले भी चेतावनी पत्र जारी किया चुका है। लेकिन वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आया। शिक्षक ने विभागीय अफसरों के आदेशों की अवहेलना की। साथ ही कर्मचारी आचरण नियमावली का भी उल्लंघन किया। वह स्कूल में शराब भी पीकर आया और गाली गलौज की जिसके बाद उनको निलंबित कर बीआरसी चकिया अटैक किया गया है। अब मामले की जांच एबीएसए चकिया रामटहल करेंगे।