सरकार के टैबलेट देने से खुश होने के बजाय गुरुजी परेशान हैं। करोड़ों रुपये के लाखों टैबलेट के जरिये सरकार परिषदीय स्कूलों के कायाकल्प के साथ ही प्राइमरी स्तर की शिक्षा व्यवस्था को सुधारना चाहती है, लेकिन शिक्षक तो उसे हाथ में लेने से भी बचते दिख रहे हैं। हुआ यह है कि पिछले दिनों प्रतापगढ़ के शिक्षकों को टैबलेट बांटने के लिए भव्य समारोह आयोजित किया गया। समारोह में शिक्षकों का नाम पुकारने के
साथ ही ‘माननीय’ ने टैबलेट देने के लिए हाथ बढ़ाया, लेकिन लेने वाले शिक्षक सामने नहीं आए। ऐसे एक-दो नहीं बल्कि बड़ी संख्या में शिक्षकों के टैबलेट न लेने पर पता चला कि वे सब तो छुट्टी पर हैं। अब छुट्टी लेने का बीमारी से अच्छा कौन बहाना हो सकता है, इसलिए ज्यादातर ने यही बता दिया कि उन्हें तेज बुखार है। अब देखना है कि कब तक बुखार उन्हें टैबलेट लेने से बचाता है ?