गोरखपुर : पूर्वोत्तर रेलवे के गोरखपुर मुख्यालय के यांत्रिक कारखाना ही नहीं, परिचालन विभाग के कर्मचारियों का भी पेंशन अंशदान सरकारी से हटाकर प्राइवेट बैंकों में किया गया है। जालसाज यह काम गिरोह बनाकर वर्षों से कर रहे थे। एक प्राइवेट बैंक का शेयर गिरने के बाद मामला प्रकाश में आया। दैनिक जागरण ने 18 अक्टूबर के अंक में फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया तो रेलवे प्रशासन ने गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच विजिलेंस को सौंप दी।
पूर्वोत्तर रेलवे के सतर्कता संगठन ने गुरुवार को संबंधित डीलरों का बयान लेने के साथ इसकी जांच शुरू कर दी। फर्जीवाड़े की पहुंच कई विभागों व अन्य क्षेत्रीय रेलवे में होने की आशंका को देखते हुए रेलवे प्रशासन इसकी सीबीआइ जांच की सिफारिश कर सकता है। चर्चा है कि इसकी तैयारी भी शुरू हो गई है। इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि बैंक बदलने के कारण कर्मचारियों का जो नुकसान हुआ है, इसकी भरपाई कौन और कैसे करेगा।