लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया नहीं अटकी है। वरिष्ठ बार-बार समय पर पदोन्नति आदेश तो जारी कर देते हैं, वरिष्ठता का आधार क्या होगा, लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। वजह है कि अब तक सिर्फ जिलों में ही वरिष्ठता सूची बन है। बस्ती समेत कुछ जिलों इसके विरोध में प्रदर्शन भी हो है।
शिक्षकों की फरवरी से चल रही प्रक्रिया को लेकर रोज नई-नई दिक्कतें सामने आ रही हैं। लेकिन वरिष्ठ अधिकारी दिक्कतों की अनदेखी कर रहे हैं। कुछ जिले तब तक दिक्कत रहेगी।
जन्मतिथि तो कुछ गुणांक मान रहे में हैं। यही वजह है कि जब इस पर यूं ही शिक्षक आपत्ति करते हैं तो अधिकारी वरिष्ठता सूची पूरी नहीं हो पा रही के है। शिक्षकों का यह भी कहना है लेकिन कि वरिष्ठता सूची में टीईटी वालों इसे को ले रहे हैं या नहीं, इसे लेकर भी यही स्थिति स्पष्ट नहीं है। बिना टीईटी 45 के 2008 के भी शिक्षक पदोन्नति पाई का इंतजार कर रहे हैं। शिक्षकों का में कहना है कि विभाग जब तक मेरिट रहा बनाने का आधार स्पष्ट नहीं करेगा,
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष निर्भय सिंह ने कहा कि वरिष्ठता का आधार गुणांक होना चाहिए। दो शिक्षकों के गुणांक एक होने पर उनकी
जन्मतिथि को आधार बनाना चाहिए। इसके बाद भी कौशांबी, प्रतापगढ़, बिजनौर, संत रविदास नगर, कन्नौज और भदोही जिलों में
जन्मतिथि को आधार मानकर वरिष्ठता सूची अपलोड की गई है। जब तक ये त्रुटि सही नहीं होगी तब तक पदोन्नति कैसे होगी?
सभी बीएसए से मांगा स्पष्टीकरण
बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल ने सभी बीएसए को पत्र भेजकर निर्धारित तिथि आठ नवंबर तक पदोन्नति की प्रक्रिया न पूरी करने पर स्पष्टीकरण मांगा है। उन्होंने कहा है कि सभी बीएसए एक सप्ताह में अपना स्पष्टीकरण दें कि क्यों न उनका उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाए। वहीं 21 नवंबर तक पदोन्नति प्रक्रिया पूरी न करने वाले बीएसए व पटल सहायक का उत्तरदायित्व तय किया जाएगा।
20752 शिक्षकों को जोड़ा टूटने का डर
बेसिक शिक्षा विभाग में चल रही पदोन्नति प्रक्रिया से एक ओर कुछ शिक्षकों में खुशी है वहीं दूसरी तरफ जिले के अंदर परस्पर तबादले की प्रक्रिया में शामिल 20752 शिक्षकों को अपना जोड़ा (पेयर) टूटने का डर सता रहा है। उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा कि यदि पदोन्नति प्रक्रिया, परस्पर तबादले से पहले पूरी कर दी जाती है तो काफी शिक्षकों के जोड़े टूट जायेंगे। ऐसे में महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद से मांग है कि पहले परस्पर तबादले पूरे किए जाएं फिर पदोन्नति की जाए।