लखनऊ। प्रदेश के कई विभागों में जरूरी अनुभव की कमी के चलते तकनीकी पदों पर पदोन्नतियां फंस गई हैं। इसके चलते तय समय के अंदर इन पदों पर पदोन्नति न होने से मुख्य अभियंता से लेकर अधीक्षण अभियंता तक के पद खाली हैं। विभागध्यक्ष अब चाहते हैं कि कार्मिक विभाग इसके लिए राहत दे, जिससे बड़े तकनीकी पदों को भरा जा सके। कार्मिक विभाग ने पदोन्नति के लिए जरूरी अर्हता तय कर रखी है। इसके आधार पर ही विभाग पदोन्नति प्रक्रिया पूरी कराते हैं। कार्मिक विभाग ने 30 सितंबर तक विभागाध्क्षों को पदोन्नति प्रक्रिया पूरी कराने का निर्देश दिया था। अन्य पदों पर तो पदोन्नति की प्रक्रिया तो पूरी हो चुकी है, लेकिन लोक निर्माण विभाग, सिंचाई, नगर विकास और आवास एवं शहरी नियोजन विभाग में बड़े तकनीकी पद नहीं भरे जा सके हैं। इसके चलते जरूरत के आधार पर अधीक्षण और मुख्य अभियंता के पदों पर कार्यवाहक तैनातियां की जा रही हैं।
विकास प्राधिकरणों का बुरा हाल प्रदेश के विकास प्राधिकरणों में मुख्य अभियंता के 11 और अधीक्षण अभियंता के 14 पद हैं, लेकिन पात्रता और अर्हता के चक्कर में इनमें से अधिकतर पद खाली हैं। इसी तरह प्रदेश के नगर निगमों में 17 मुख्य अभियंता और 17 अधीक्षण अभियंता के पद हैं। पदोन्नति से इन सभी पदों को नहीं भरा जा पा रहा है। इसी तरह सिंचाई विभाग में भी बड़े तकनीकी पदों पर पदोन्नति का पेंच फंसा हुआ है। पीडब्ल्यूडी ने कार्मिक विभाग से अनुमति लेकर पदोन्नति कर ली है लेकिन सभी पद नहीं भर पा रहे हैं। प्राधिकरणों और नगर निगमों में मुख्य व अधीक्षण अभियंताओं की तैनाती की मांग की जा रही है।
कार्मिक विभाग से अनुरोध कार्मिक विभाग में मौजूदा समय ऐसे काफी मामले आ रहे हैं। अधिकतर विभाग जरूरी सेवा अवधि में छूट पाना चाहते हैं। सूत्रों का कहना है कि अधिकतर विभाग चाहते हैं कि कार्मिक विभाग अपने स्तर से राहत देने संबंधी आदेश जारी कर दे। कार्मिक विभाग चाहता है कि विभाग अपनी नियमावली में स्वयं संशोधन कराने के लिए कैबिनेट से प्रस्ताव पास कराएं।