लखनऊ प्रदेश में बेसिक के विद्यालयों में शिक्षकों, कर्मचारियों व विद्यार्थियों की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराने का विरोध तेज हो गया है। इस क्रम में उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ जिन जिलों से इसकी शुरुआत होनी है, वहां के शिक्षकों के बीच इसके लिए सर्वे कराएगा, कि वह इससे सहमत या असहमत हैं। इसके बाद वह आगे का निर्णय लेगा।
संघ की ओर से महानिदेशक स्कूल शिक्षा की ओर से 10 नवंबर को जारी ऑनलाइन उपस्थिति के क्रम में 20 से 22 नवंबर तक ब्लॉक संसाधन केंद्र (बीईओ) कार्यालय पर शिक्षकों से उनका मत लिया जाएगा। यह प्रक्रिया लखनऊ, सीतापुर, रायबरेली, उन्नाव, लखीमपुर खीरी, हरदोई व श्रावस्ती में की जाएगी। संघ के अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि पिछले दिनों प्रमुख सचिव के साथ हुई बैठक में महानिदेशक ने शिक्षकों के हित के मुद्दों का विरोध किया।
उन्होंने कहा कि यही नहीं वह यह भी बताते हैं कि सिर्फ प्राथमिक शिक्षक संघ उनका विरोध कर रहा है, जबकि शिक्षक संतुष्ट हैं। यही वजह है कि वह इस मुद्दे पर पहले शिक्षकों की राय लेंगे, उसके बाद अपना अगला कदम उठाएंगे। बता दें कि इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल (पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ ने पहले ही इस मुद्दे पर विरोध की घोषणा की है। साथ ही एक दिसंबर को प्रदेश के सभी बीईओ कार्यालय पर धरना देने का निर्णय लिया है।
शिक्षकों की मांगों पर हो कार्रवाई, फिर ऑनलाइन उपस्थिति
विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर शिक्षकों की लंबित मांगों पर कार्रवाई करने की मांग की है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष संतोष तिवारी ने कहा कि पहले शिक्षकों की मांगों पर कार्रवाई हो उसके बाद उनकी ऑनलाइन उपस्थिति लगे।
उन्होंने कहा कि शिक्षकों को आधे दिन की छुट्टी देने, दूर दराज के शिक्षकों को उपस्थिति के समय में आधे घंटे की छूट देने, हर कक्षा के लिए अलग-अलग शिक्षकों की तैनाती, हर विद्यालय में एक प्रधानाध्यापक, एक चपरासी की व्यवस्था की जाए। इसके साथ शिक्षकों से गैर शैक्षणिक काम न लिया जाए, प्राथमिक व जूनियर स्तर पर प्रधानाध्यापक की तैनाती, ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात शिक्षकों को 5000 रुपये भत्ता देने की मांग की। इन्हीं मांगों को लेकर एक दिसंबर को पूरे प्रदेश में धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।