छह जिलों में परिषदीय स्कूलों के शिक्षक व छात्र अब टैबलेट पर चेहरा दिखाकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। इन जिलों में फेस रिकाग्निशन अटेंडेंस सिस्टम लागू किया जा रहा है। पहले चरण में जिन छह जिलों में इस व्यवस्था को लागू कराया जा रहा है, उनमें उन्नाव, सीतापुर, हरदोई, रायबरेली, बाराबंकी और लखीमपुर खीरी शामिल हैं। अभी पायलट प्रोजेक्ट के तहत इन जिलों में इसे लागू किया जा रहा है। आगे सभी जिलों में यह व्यवस्था शुरू हो जाएगी।
परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को अब समय पर स्कूल आना होगा और निर्धारित समय के बाद ही स्कूल छोड़ पाएंगे। कई बार निरीक्षण में यह शिकायत सामने आई है कि स्कूल से गायब होने के बावजूद रजिस्टर पर शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज रहती है। अब ऐसा नहीं होगा। यही नहीं, उनकी जगह छद्म व्यक्ति उपस्थिति नहीं लगा सकेगा।
छात्रों की सही संख्या भी पता चल सकेगी। कई विद्यालयों में संख्या बढ़ा-चढ़ाकर बता दी जाती है, अब इस पर रोक लगेगी। महानिदेशक, स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद की और से यूपीडेस्को के प्रबंध निदेशक को इसके लिए पत्र लिखा गया है। इन जिलों के सभी स्कूलों को बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से टैबलेट दिए गए हैं और इसी टैबलेट के माध्यम से वे अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। प्रेरणा तकनीक फ्रेमवर्क के उपस्थिति माड्यूल में इन छह जिलों में चेहरे की पहचान उपस्थिति प्रणाली को जोड़ा जा रहा है। मालूम हो कि सात जिलों सीतापुर,
उन्नाव, लखनऊ, हरदोई, श्रावस्ती, रायबरेली व लखीमपुर खीरी स्थित स्कूलों की जियोफेंसिंग कराई गई है। इन जिलों के स्कूलों में बीते सोमवार से आनलाइन उपस्थिति दर्ज कराने की व्यवस्था की गई है, जिसका शिक्षक विरोध कर रहे हैं। अब एक कदम आगे बढ़कर फेस रिकाग्निशन अटेंडेंस सिस्टम छह जिलों में लागू किया जा रहा है।