प्रयागराजः हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के अंकपत्रों/प्रमाणपत्रों में त्रुटि संशोधन के मामले एक बार फिर लंबित होने पर यूपी बोर्ड सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने नाराजगी जताई है। उन्होंने क्षेत्रीय कार्यालयों के अपर सचिवों के साथ वर्चुअल मीटिंग में समीक्षा कर लंबित प्रकरणों को त्वरित निस्तारित कराने के निर्देश दिए हैं। अगर इसमें लापरवाही बरती गई तो जिम्मेदारों के विरुद्ध प्रतिकूल प्रविष्टि की कार्रवाई की जाएगी।
अंकपत्र/प्रमाणपत्रों में नाम, जन्मतिथि में त्रुटि होने पर अभ्यर्थी क्षेत्रीय कार्यालयों में आवेदन करते हैं, लेकिन निस्तारण में देरी से अभ्यर्थियों को दूर जिलों से क्षेत्रीय कार्यालयों में आकर परेशान होना
पड़ता है। ऐसी कुछ शिकायतें मिलने के बाद बोर्ड सचिव ने क्षेत्रीय कार्यालयों के माध्यम से कुछ माह पहले जिलों में कैंप लगवाकर आवश्यक साक्ष्य जुटाए थे। 60 हजार पुराने मामलों का निस्तारण करा संशोधित अंकपत्र जारी कराया गया। इसके बाद जून से त्रुटि से जुड़े आए मामलों के निस्तारण की गति फिर धीमी हो गई। इससे नाराज सचिव ने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों मेरठ, बरेली, वाराणसी, प्रयागराज और गोरखपुर से प्रतिदिन निस्तारित
हुए और शेष बचे प्रकरणों की संख्यात्मक रिपोर्ट बोर्ड मुख्यालय * में मंगवानी शुरू की। मुख्यालय में अपर सचिव (पाठ्यपुस्तक) सत्येंद्र सिंह और उप सचिव (प्रशासन) देवव्रत सिंह को नोडल नामित किया है। क्षेत्रीय कार्यालयों को मिलाकर करीब डेढ़ हजार प्रकरण लंबित होने की रिपोर्ट मुख्यालय को मिली है। क्षेत्रीय कार्यालय प्रयागराज में अपर सचिव विभा मिश्रा ने प्रमाणपत्र अनुभाग के अधिकारियों, सहायकों तथा उप सचिवों एवं सहायक सचिवों के साथ मीटिंग कर बोर्ड सचिव की नाराजगी से अवगत कराया और लंबित प्रकरणों में अभ्यर्थियों को नोटिस जारी कर साक्ष्य मंगाने के निर्देश दिए।