प्रयागराज : प्रदेश भर में 4512 अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में से 1688 में स्थायी प्रधानाचार्य नहीं है। यह आंकड़ा 2020-21 का है। उसके बाद भी कई प्रधानाचार्यों के सेवानिवृत्त होने से पद रिक्त हुए हैं।
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से 2013 में एडेड विद्यालयों के लिए करीब 600 प्रधानाचार्यों की भर्ती की हुई थी। इस भर्ती से चयनित अधिकतर प्रधानाचार्यों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। कुछ मामले कोर्ट में लंबित है। इसके बाद से प्रधानाचार्य की चयन प्रक्रिया रुकी हुई है। हर वर्ष सौ से अधिक प्रधानाचार्य सेवानिवृत्त हो रहे हैं। पद रिक्त होने के बावजूद भर्ती प्रक्रिया नहीं अपनायी गई। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय से अधियाचन भेजने में
भी लापरवाही बरती गई। पिछली भर्ती के कई वर्ष बाद चयन बोर्ड को अधियाचन भेजा गया। जब से चयन बोर्ड के पास अधियाचन पहुंचा, उसके बाद से वह निष्प्रभावी हो गया है। एक वर्ष से एक भी सदस्य नहीं है। कुछ महीने पहले चेयरमैन भी सेवानिवृत हो गए। चयन बोर्ड और उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग को खत्म करके नया आयोग बन रहा है। उस आयोग के गठन के बाद ही इसकी भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। अगले एक-दो में नया आयोग अस्तित्व में आ जाय। प्रधानाचार्यों की भर्ती करने वाला माध्यमिक सेवा चयन बोर्ड अब निष्प्रभावी है और राज्य शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन का काम चल रहा है। वह अस्तित्व में आएगा तभी नई भर्तियां होगी। फिलहाल आयोग से प्रधानाचार्य का चयन न होने से विद्यालय प्रबंधन की मनमानी चल रही है। वह अपने चहेते शिक्षकों को प्रधानाचार्य का कार्यभार दिए हैं, जिसमें अक्सर विवाद भी होता है।