राजभवन में आयोजित भिक्षावृत्ति छोड़ चुके 500 बच्चों के खेलकूद के विजेताओं को राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल ने पुरस्कृत किया। इन बच्चों ने पहली दफा किसी खेल प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था वह भी राजभवन में। इन खेलकूद को उम्मीद संस्था ने आयोजित किया था। इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि जब प्रतियोगिता होती है तो हार जीत होती रहती है। जिस धैर्य से लक्ष्य को ध्यान में रखकर बच्चों ने प्रदर्शन किया। वह अत्यन्त सराहनीय है।
उन्होंने कहा कि पढ़ाई से ही जीवन बदलता है। कुदरत ने हमें काफी कुछ दिया है यह बात हमारे माता-पिता को समझनी चाहिए और बच्चे के अन्दर छिपी प्रतिभा को ध्यान में रखकर उसे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना चाहिए। उन्होंने पैरा एशियाई खेल में स्वर्ण पदक जीतने वाली तीरंदाज शीतल देवी का उदाहरण देते हुए कहा कि दोनो हाथों से दिव्यांग होने के बावजूद उसने अपने तीरंदाजी के खेल को नहीं छोड़ा। अपने पैरों से तीरंदाजी का अभ्यास करके देश के लिए पदक प्राप्त किया। समापन से पूर्व आज खेल के दूसरे दिन 9वर्ष से 16 तक के बच्चों के लिए 100 मीटर दौड़, 20 मीटर मेढक कूद, कबड्डी, रस्साकसी, तथा एक स्थान पर खड़े होकर लम्बी कूद जैसी प्रतियोगिताएं आयोजित की गयी। मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी, उम्मीद संस्था के संस्थापक सचिव बलवीर मान सिंह रहे।