*बेसिक शिक्षक भाइयो एवं शिक्षिका बहिनों*
महानिदेशक स्कूल शिक्षा को हटाये जाने के आदेश के बाद सभी शिक्षक ग्रुपों मे उल्लास के साथ-साथ आशंका भी है और तमाम तरह की अफवाह भी,किंतु हमे अभी भी इस बात का विशेष ध्यान देना है कि हम महानिदेशक स्कूल शिक्षा के बारे मे या विभाग के बारे मे जो भी बात करें,वह शिक्षक ग्रुपों मे या फिर जहां शिक्षक परिवार के अतिरिक्त कोई अन्य न हो वहां ही करें, बस, जीप, आटो,चौराहा, दुकान आदि जगह कदापि ऐसी चर्चा न करें।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा के स्थानांतरण पर एक बात स्पष्ट करना है कि पूर्व महानिदेशक स्कूल शिक्षा के पास 08 पदों का दायित्व पहले से ही था,जिसमे महाकुंभ प्रभारी प्रयागराज पद भी शामिल था,अब उन्हे अन्य 07 पदों की जिम्मेदारी से हटाकर केवल मेला प्रभारी मूल पद की जिम्मेदारी दी गयी है, इस तरह यह उनका स्थानांतरण नहीं बल्कि अन्य पदों से मुक्त करके केवल कुंंभ मेला प्रभारी की जिम्मेदारी देना है, इसलिए यह स्पष्ट है कि महाकुंभ 2025 तक तो पूर्व महानिदेशक मेला प्रभारी प्रयागराज ही रहेंगे और 2025 महाकुंभ के बाद 2027 चुनाव की तैयारी शुरू होगी, इसलिए मेरा मानना है कि पूर्व महानिदेशक के विवादित कार्यकाल को देखते हुये पुन: महानिदेशक पद पर वापस आने की सम्भावना नहीं है।
एक बात विचारणीय है कि लगातार उत्पीडनात्मक आदेशों और औचित्यहीन प्रयोगों के कारण प्रदेश के सभी शिक्षक परेशान थे,पूर्व महानिदेशक महोदय के कार्यकाल मे पदोन्नत और स्थानांतरण न हो पाना उनकी सबसे बडी असफलता रही, प्रेरणा ऐप्प, टैबलेट आदि प्रयोगों से शिक्षक आंदोलन हुये और शिक्षण व्यवस्था बेपटरी हुयी जिससे सरकार की छवि पर दुष्प्रभाव पडा।
प्रदेश के तमाम शिक्षक संगठन पूर्व महानिदेशक को हमेशा गुलदस्ता ही देते रहे किंतु कभी सामने आकर विरोध करने का साहस नहीं कर सके, किंतु उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के ओजस्वी प्रांतीय अध्यक्ष डा० दिनेश चन्द्र शर्मा जी के नेतृत्व मे महानिदेशक स्कूल शिक्षा का विरोध करने और उनको आइना दिखाने का साहस और उनका प्रबल विरोध केवल उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ द्वारा ही किया गया, आप सभी ने देखा होगा कि चाहे बदायूं का धरना-प्रदर्शन हो या फिर शिक्षा निदेशालय का घेराव, जहां पर कार्यालय से गायब रहने वाले महानिदेशक महोदय को उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के दबाव मे कार्यालय आकर संगठन से वार्ता करके लिखित सहमत पत्र देना पडा था और शासन के साथ उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ से वार्ता करनी पडी थी।
जब से उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने महानिदेशक कार्यालय मे धरना-प्रदर्शन किया और शासन के साथ वार्ता मे और माननीय उप मुख्यमंत्री वृजेश पाठक जी व माननीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जी से मिलकर महानिदेशक महोदय के नियमविरुद्ध कार्यों/आदेशों को सबके सामने रखा,तब से शोसल मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया व प्रिंट मीडिया तथा उक्त माननीयों ने शिक्षकों की आवाज को माननीय मुख्यमंत्री तक पहुंचाया, माननीय मुख्यमंत्री ने शिक्षकों की पीडा और आक्रोश को महसूस किया और उनको शिक्षा विभाग के विभिन्न दायित्वों से कार्यमुक्त करके शिक्षकों को मानसिक तनाव से मुक्ति प्रदान की और इस खुशी और उल्लास को सभी शिक्षक ग्रुपों मे महसूस किया जा रहा है।
नव नियुक्त महानिदेशक महोदया बहुत ही ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ ,महिला अधिकारी हैं, इसलिए महिलाओं की समस्याओं का अहसास अवश्य होगा और उनको दूरस्थ क्षेत्रों से हटाकर सडक और मुख्यालय के नजदीक विद्यालय मे पदस्थापित करेंगी,ऐसी अपेक्षा है,साथ ही हम सब भी गलत आदेशों पर विरोध के साथ-साथ अपने कर्तव्य के प्रति भी सजग होकर उत्तर प्रदेश को निपुण प्रदेश बनाने मे अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देंगे।
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ का एक गौरवशाली इतिहास है,शिक्षकों के मान-सम्मान और अधिकार के लिए उसने ऐतिहासिक आंदोलन किये हैं,सरकार हो या तानाशाह अधिकारी सबको संगठन की ताकत का अहसास कराया है,कभी गुलदस्ता, जी हजूरी व चाटुकारिता की राजनीति नहीं की है,इसलिए अपने मान-सम्मान और अधिकार की रक्षा के लिए उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के साथ जुडकर केवल एक संगठन को मजबूत करिये,क्योंकि केवल यही एक संगठन है जिसने आपको अभी तक प्राप्त समस्त लाभ और सम्मान दिलाया है,अन्य संगठनों की कोई उपलब्धि आज तक नहीं रही,केवल पद लोलुपता मे नये नये संगठन बनाकर आपकी ताकत को कमजोर किया गया और आज भी जब उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ का धरना-प्रदर्शन/आंदोलन होता है तो यह लोग गुलदस्ता लेकर तानाशाहों के साथ खडे होकर आपकी लड़ाई को कमजोर करते हैं।🙏🙏
*उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ जिन्दाबाद*
*डा.दिनेश चन्द्र शर्मा…. जिन्दाबाद जिन्दाबाद*,