पदोन्नति पाने की प्रतीक्षा कर रहे बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को विलंब का झटका लग सकता है. पदोन्नति देने के लिए प्रकाशित की गई अंतिम सूची पर कई जिलों से आपत्ति आई है. शिक्षकों का कहना है कि अंतिम ज्येष्ठता सूची में 30 सितंबर 2023 तक पांच वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले सभी शिक्षकों को अंतिम सूची में शामिल किया जाना था, लेकिन कई जिलों में परिषद सचिव के आदेश का पालन नहीं किया गया है. इससे शिक्षकों में नाराजगी है.
डेट ऑफ बर्थ को बनाया बेस
पदोन्नति देने के लिए तैयार की गई अंतिम वरिष्ठता सूची कुछ जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने जन्मतिथि से बनाई है तो कुछ ने नियुक्ति तिथि से. इसके कारण विरोधाभास है. उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने बताया कि अंतिम ज्येष्ठता सूची अलग- अलग मानक से तैयार करने पर आपत्ति है. उन्होंने मांग की है कि ज्येष्ठता सूची में सम्मिलित होने से वंचित शिक्षकों से प्रत्यावेदन लेकर निस्तारण करते हुए अंतिम ज्येष्ठता सूची में सम्मिलित कर पदोन्नति की कार्यवाही पूर्ण की जानी चाहिए. इस विसंगति के चलते पदोन्नति देने के लिए 12 दिसंबर को होने वाली बैठक होना मुश्किल है. इसके अलावा शिक्षक संजीव त्रिपाठी का कहना है कि कुछ जिलों में वर्ष 2018 की 68500 शिक्षकों की भर्ती सहित 12460, 72000, 16448 पदों की भर्ती के शिक्षकों को अंतिम ज्येष्ठता सूची में सम्मिलित नहीं किया गया है. ऐसे में शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा से मिलकर अपनी समस्या से अवगत कराएगा.
उधर, उधर उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि वरिष्ठता सूची से वंचित पात्र शिक्षक समस्या का समाधान न होने पर हाई कोर्ट में याचिका लगाएंगे. अगर इसमें सुधार न किया गया तो यह प्रक्रिया अटक सकती है.