बाराबंकी। बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात करीब 70 एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) की अग्निपरीक्षा होने वाली है। इन सभी को 10 विद्यालय गोद दिए गए थे। 700 विद्यालय वे हैं जो 31 दिसंबर तक निपुण विद्यालय घोषित करने के लक्ष्य के तहत चयनित हैं।
जिले में 2,626 परिषदीय विद्यालयों में करीव 3.50 लाख बच्चे पंजीकृत हैं। बीती पांच जुलाई 2021 से निपुण भारत अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान का मकसद कक्षा एक से तीन में पढ़ रहे बच्चों को आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान प्रदान करना है, ताकि उनमें पढ़ने, लिखने, अंकगणित और व्याख्या करने की क्षमता में सुधार किया जा सके। इसे लेकर जहां संकुल शिक्षकों को लगाया गया है, वहीं, 70 एकेडमिक रिसोर्स पर्सन को 10-10 विद्यालय गोद दिए गए हैं, ताकि इन विद्यालयों को निपुण
बनाया जा सके। इसे लेकर 1256 स्कूलों में प्रशिक्षुओं ने निपुण एप पर हर स्कूल के 36 बच्चों का मूल्यांकन किया है। इसकी रिपोर्ट शासन को दी है, जिसका परिणाम घोषित जााएगा। इसी के आधार पर घोषणा होगी। पहली बार ऐसा हो रहा है कि कक्षा एक से तीन तक के बच्चों के ज्ञान के साथ गुरु की कायशैली भी आंकी जाएगी। बीएसए संतोष देव पांडेय ने बताया कि 31 दिसंबर 2023 को विद्यालय निपुण होंगे।
31 तक निपुण विद्यालय घोषित होने का लक्ष्य है निर्धारित
■ हर माह 45 लाख वेतन पर होते है खर्च… बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात 70 एकेडमिक रिसोर्स पर्सन के वेतन पर हर माह करीब 45 लाख रुपये खर्च हो रहे हैं। एक एआरपी पर प्रतिमाह 60 से 70 हजार रुपये खर्च होता है।