नई दिल्ली, भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरणजल्द ही 19 सामान्य बीमा कंपनियों के पंजीकरण को मंजूरी दे सकता है। इनमें से नारायण हेल्थ इंश्योरेंस प्राइवेट लिमिटेड आवेदन के आर-दो चरण में है। वहीं, 12 कंपनियां आर-एक चरण में हैं। शेष छह प्रक्रिया के ‘अनापत्ति प्रमाणपत्र’ (एनओसी) चरण में हैं। इरडा ने इसी साल अप्रैल में क्षेमा सामान्य बीमा के पंजीकरण को मंजूरी दी थी। इसके बाद सामान्य बीमाकर्ताओं की कुल संख्या 25 हो गई है।
दरअसल, आवेदकों को कंपनी रजिस्ट्रार (आरओसी) के नाम में बीमा शब्द के साथ प्रस्तावित कंपनी के निगमन के लिए आवेदन करने में सक्षम बनाने के एक मात्र उद्देश्य के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। नियामक के अनुसार, बीमा कंपनी के रूप में पंजीकरण के लिए आवेदकों को तीन चरणों से गुजरना पड़ता है। आर-एक पहला चरण है, जिसमें नोडल विभागों द्वारा आवेदनों की जांच की जाती है। दूसरे चरण आर-दो में कंपनी के शेयरधारिता प्रतिरूप, बेचे गए उत्पाद और प्रबंधन के पेशेवर अनुभव समेत अन्य की जांच होती है। इस दौरान इरडा कंपनी द्वरा प्रस्तुत दस्तावेजों के लिए प्रश्न पूछने के साथ और स्पष्टीकरण मांग सकता है। आर-तीन चरण में पंजीकरण प्रमाणपत्र (सीओआर) के लिए अनुरोध किया जाता है।