नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय के थिंकटैंक ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (बीपीआरडी) ने व्हाट्सएप पर होने वाले साइबर अपराधों व वित्तीय धोखाधड़ी को लेकर चेतावनी और बीपीआरडी ने सात प्रकार की धोखाधड़ी की पहचान की है जिनमें मिस्ड कॉल, वीडियो कॉल, नौकरी की पेशकश और निवेश योजनाओं के नाम पर धोखाधड़ी, हाईजैकिंग और स्क्रीन शेयरिंग शामिल हैं।
आठ पेज की चेतावनी और
सलाह में कहा गया है कि हाइजैकिंग घोटाले में ठग पौड़ित के व्हाट्सएप खाते तक अनधिकृत पहुंच बना लेते हैं और उनसे संपर्क कर पैसे की मांग करते हैं। यहां तक कुछ लोगों को अज्ञात नंबरों से व्हाट्सअप वीडियो कॉल भी आते हैं और आपत्तिजनक वीडियो बनाकर धमकाया जाता है। साथ ही ब्लैकमेल कर पैसे मांगते हैं। बीपीआरडी गृह मंत्रालय के तहत पुलिसिंग विषयों पर एक थिंक टैंक है।
मेटा के स्वामित्व वाले प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप ने सुरक्षा के बारे में जनता को जानकारी देने के लिए हाल ही में कई संदेश अभियान शुरू किए हैं। बीपीआरडी ने कहा कि ज्यादातर वियतनाम, केन्या, इथियोपिया और मलयेशिया से संबंधित कोड से शुरू होने वाले नंबरों से किए गए मिस्ड कॉल के जरिये हैकर्स उपयोगकर्ताओं को ढूंढने के लिए ‘कोड स्क्रिप्टेड बाँट’ का इस्तेमाल करते हैं। फिर उन्हें विभिन्न साइबर खतरों के तहत निशाना बनाते हैं। खास बात है कि जालसाज सीईओ या वरिष्ठ अधिकारी होने का दावा करते हैं।
कुछ खातों की तस्वीरें भी की गई हैं जारी
चीपीआरडी ने चेतावनी में कुछ व्हाट्सएप खातों की तस्वीरें भी जारी को हैं। उसने व्हाट्एसएप के हाल ही में जारी स्क्रीन शेयर फीचर के बारे में विशेष रूप से चिंता जताई है। पहले कई ऐसे मामले पाए गए जहां जालसाजों को अवैध गतिविधियां करने के लिए पीड़ितों की स्क्रीन तक धोखाधड़ी से पहुंच मिली। इसमें कहा गया है कि जालसाज खुद को बैंकों, वित्तीय संस्थानों, सरकारी निकायों आदि के अधिकारियों के रूप में पेश करते हैं। एक बार जब वह पीड़ित को स्क्रीन साझा करने के लिए मना लेते हैं तो एक भोखाधड़ी करने वाला एप या सॉफ्टवेयर गुप्त रूप से इंस्टॉल कर दिया जाता है।
यह होता है ठगी है तरीका: पीड़ित व्यक्ति कॉल करने वाले के झांसे में आकर वित्तोय लेनदेन में फंस जाता है। इसके बाद जालसाज अपने सोशल मीडिया हैंडल पर सफिंग करके उनसे व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त करते हैं और उनके नाम की एक फर्जी प्रोफाइल बनाते हैं। इस पर वह पोड़ित की संवेदनशील जानकारी जैसे बैंक विवरण, पासवर्ड और बैंकिंग सेवाओं को वह हासिल कर लेते हैं।