Home PRIMARY KA MASTER NEWS छह राज्यों में जज के 66% आरक्षित पद खाली

छह राज्यों में जज के 66% आरक्षित पद खाली

by Manju Maurya

उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और गुजरात की निचली अदालतों में न्यायिक अधिकारियों (जज) के आरक्षित पद नहीं भरे जा रहे हैं।

यहां अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ईडब्ल्यूएस के लिए आरक्षित न्यायिक अधिकारियों के 66 फीसदी से भी अधिक पद खाली हैं। सुप्रीम कोर्ट के शोध एवं योजना विभाग की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है।

 रिपोर्ट में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में राज्य और केंद्र सरकारों को एससी, एसटी, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस के लिए सरकारी सेवाओं में सीटें आरक्षित करने का प्रावधान है और इसी के तहत जिला अदालतों में जजों की भर्ती में उपरोक्त श्रेणियों के लिए आरक्षण का प्रावधान है।

सुप्रीम कोर्ट के शोध एवं योजना विभाग की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि आंकड़ों और तथ्यों के विश्लेषण से पता चलता है कि अधिकतम रिक्तियों वाले छह राज्यों, यानी बिहार, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के निचली अदालत में कुल रिक्तियों का 66.3 फीसदी सिविल जजों (जूनियर डिविजन) के आरक्षित श्रेणी के पद खाली हैं।

इसमें कहा गया है कि इन राज्यों में सिविल जज परीक्षा के लिए निकाली गई कुल 1,389 सीटों में से 766 पद एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस और अन्य के लिए आरक्षित थे। लेकिन इनमें से अधिकांश सीटे खाली रह गईं। रिपोर्ट के मुताबिक इन राज्यों में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित 84.5 फीसदी सीटें खाली हैं।

लोकसेवा द्वारा नियुक्ति में लग रहा अधिक समय

सुप्रीम कोर्ट की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 25 राज्यों में से 13 में जजों की नियुक्ति राज्य लोकसेवा आयोग द्वारा की जाती है, जबकि 12 राज्यों में नियुक्ति उच्च न्यायालय द्वारा की जाती है। रिपोर्ट के अनुसार जहां उच्च न्यायालय द्वारा जजों की नियुक्ति की जाती है, वहां भर्ती प्रक्रिया पूरा होने में औसतन 335 दिन लगता है, जबकि जहां लोकसेवा आयोग द्वारा नियुक्ति की जा रही है, वहां 436 दिन का वक्त लग रहा है।

Related Articles

PRIMARY KA MASTER NOTICE

✍नोट :- इस ब्लॉग की सभी खबरें Google search से लीं गयीं, कृपया खबर का प्रयोग करने से पहले वैधानिक पुष्टि अवश्य कर लें, इसमें BLOG ADMIN की कोई जिम्मेदारी नहीं है, पाठक ख़बरे के प्रयोग हेतु खुद जिम्मेदार होगा!

PRIMARY KA MASTER

PRIMARY KA MASTER | primary ka master current news | primarykamaster | PRIMARY KA MASTER NEWS | primarykamaster news | up primary ka master | primary ka master | up ka master | uptet primary ka master | primary ka master com | प्राइमरी का मास्टर | basic siksha news | upbasiceduparishad |up basic news | basic shiksha parishad | up basic shiksha parishad | basic shiksha | up basic shiksha news | basic shiksha parishad news | basic news | up basic shiksha | basic shiksha news today | बेसिक शिक्षा न्यूज | बेसिक शिक्षा समाचार |basicshikshakparivar| basic shikshak parivar | basic shiksha samachar | basic ka master | basic shiksha com | up basic education news | basic shiksha vibhag | up basic shiksha latest news | Basicshikshak | up basic shiksha parishad news | uptet news | uptet latest news | uptet help | uptet blog | up tet news| updatemarts | update mart | SUPER TET | uptet latest news | uptetnews | www updatemarts com| updatemartsnews | ctet | d.el.ed | updeled | tet news | gurijiportal | upkamaster | basicshikshakhabar | primarykateacher | Shikshamitra | up shiksha mitra | shikhsa mitra news | govtjobsup | rojgarupdate | sarkari results | teachersclubs | sarkari master | sarkariresults| shasanadesh | tsctup |basicmaster | Basicguruji | sarkari rojgar

© Basic Shiksha Khabar | PRIMARY KA MASTER | SHIKSHAMITRA | Basic Shiksha News | UpdateMarts | Primarykamaster | UPTET NEWS

icons8-whatsapp-96