नई दिल्ली। राज्य सरकारों को अब नई यूनिवर्सिटी की स्थापना से पहले उसे यूजीसी से यूजीसी एक्ट 1956 के तहत अंडर सेक्शन (एफ) में तय समय में पंजीकरण करवाना जरूरी होगा। यदि कोई यूनिवर्सिटी इस सेक्शन के तहत पंजीकृत नहीं होगी तो उसकी डिग्री भी मान्य नहीं मानी जाएगी।
यूजीसी ने मंगलवार को 13 रेगुलेटरी बॉडी (नियामक प्राधिकरण) के साथ बैठक के बाद उन्हें अपने संस्थानों को गाइडलाइन जारी करने को कहा है। खास बात यह है कि रिहैबिलिटेशन काउंसिल ऑफ इंडिया (आरसीआई) की मांग पर यूजीसी ने दिव्यांग छात्रों को कैंपस में विशेष सुविधा देने पर नैक एक्रीडिटेशन में स्पेशल वैटेज देने का फैसला लिया है। यूजीसी अध्यक्ष प्रोफेसर एम जगदीश कुमार की अध्यक्षता में पहली बार राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को लागू करने को लेकर राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद (एनएमसी), भारतीय चिकित्सा प्रणाली के लिए राष्ट्रीय आयोग (एनसीआईएसएम), भारतीय पशु चिकित्सा परिषद (वीसीआई), अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई), फार्मेसी काउंसिल
सभी डिग्री प्रोग्राम में भारतीय ज्ञान परंपरा
के मॉड्यूल की पढ़ाई एमबीबीएस, बीडीएस, बीआर्क,
बीटेक, कृषि विज्ञान, बीएड, बीएससी नर्सिंग समेत सभी डिग्री प्रोग्राम में छात्रों को ‘ भारतीय ज्ञान परंपरा (इंडियन नॉलेज सिस्टम)’ के मॉड्यूल को पढ़ाई में शामिल किया जाएगा।
ऑफ इंडिया (पीसीआई), भारतीय पुनर्वास परिषद (आरसीआई), आयुष मंत्रालय, राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनबीए), राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (नैक ) समेत राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) की बैठक आयोजित हुई।