झांसी। परिषदीय स्कूलाें में मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता की पोल बृहस्पतिवार को बीएसए के निरीक्षण में खुली। इस दौरान विद्यालय की रसोई में गंदगी मिली, तो प्रधानाध्यापक के पास मिड डे मील का सैंपल नहीं मिला। वहीं कई स्कूलों में शिक्षक गायब मिले।
बीएसए नीलम यादव ने बृहस्पतिवार को बामौर ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय अचौसा का निरीक्षण किया। इस दौरान इंचार्ज प्रधानाध्यापक और अनुचर अनुपस्थित मिले। विद्यालय में 43 में से 14 विद्यार्थी ही उपस्थित थे।
यहां रसोई में गंदगी का आलम था। विद्यार्थियों ने बताया कि प्रतिदिन मध्याह्न भोजन नहीं बनता है। मध्याह्न भोजन रजिस्टर में विद्यार्थियों की संख्या दर्ज नहीं की गई थी। इस पर बीएसए ने कड़ी नाराजगी जताई। साथ ही इंचार्ज प्रधानाध्यापक का वेतन रोका गया।
वहीं चिरगांव ब्लॉक के कंपोजिट प्राथमिक विद्यालय उजयान में तीन शिक्षामित्र और एक शिक्षिका अनुपस्थित मिले। उच्च प्राथमिक विद्यालय उजयान में शिक्षक बोर्ड नहीं लगा था। साथ ही विद्यालय का अनुदेशक जुलाई से अनुपस्थित मिला। नवीन प्राथमिक विद्यालय खड़ेसर में 52 में से 30 विद्यार्थी उपस्थित थे, लेकिन शिक्षा का स्तर बहुत निम्न मिला। विद्यालय का शौचालय गंदा मिला। कंपोजिट विद्यालय इटौरा में 120 में से 55 विद्यार्थी ही उपस्थित थे। यहां भी मध्याह्न भोजन के रजिस्टर में विद्यार्थियों की संख्या दर्ज नहीं थी।
प्राथमिक विद्यालय बैरीलालपुरा में मध्याह्न भोजन में खाद्यान्न सामग्री बहुत कम मिली। विद्यार्थियों को गुणवत्ताविहीन भोजन परोसा जा रहा था। कन्या प्राथमिक विद्यालय बमनुआ में 143 और 108 विद्यार्थी उपस्थित मिले। प्राथमिक विद्यालय बमनुआं में कंपोजिट ग्रांट का प्रयोग नहीं किया गया था। 133 में से मात्र 65 विद्यार्थी उपस्थित मिले। प्राथमिक विद्यालय परगहना में व्यवस्था संतोषजनक मिली। बीएसए नीलम यादव ने बताया कि मध्याह्न भोजन योजना में गड़बड़ी मिलने पर प्रधानाध्यापकों का वेतन रोका गया है। जबकि गायब शिक्षकों के वेतन रोकने की कार्रवाई की गई है। सभी से स्पष्टीकरण तलब किया गया है।