प्रयागराज। समीक्षा अधिकारी (आरओ) सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) भर्ती-2023 के तहत रविवार को आयोजित प्रारंभिक परीक्षा के दौरान अभ्यर्थी घुमावदार सवालों में ही उलझ कर रह गए। पिछले वर्षों के मुकाबले इस बार सामान्य अध्ययन का पेपर काफ कठिन रहा। सामान्य हिंदी के आसान सवालों ने अभ्यर्थियों को राहत दी। प्रदेश के 58 जिलों में हुई परीक्षा में 64 फीसदी अभ्यार्थी शामिल हुए।
आरओ/एआरओ के 411 पदों पर भर्ती के लिए प्रदेश के 2387 केंद्रों में हुई परीक्षा के लिए 1076004 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। पहली बार आयोग की किसी परीक्षा के लिए इतनी बड़ी संख्या में आवेदन आए हैं। परीक्षा दो पालियों में सुबह 9.30 से 11.30 और अपराहन 2.30 से 3.30 बजे तक आयोजित की गई।
सीएवी इंटर कॉलेज से परीक्षा देकर बाहर निकलते परीक्षार्थी। अगर उनला
पहला पेपर सामान्य अध्ययन का था, जिसमें 140 प्रश्न पूछे गए और प्रत्येक प्रश्न के लिए एक अंक निधर्धारित था।
परीक्षा में शामिल अभ्यर्थी अनिल उपाध्याय, राजकुमार तिवारी, प्रशांत पांडेय और सुनील कुमार ने बताया कि पिछले वर्षों के मुकाबले इस बार सामान्य अध्ययन का पेपर काफी कठिन था। कहने को परीक्षा बहुविकल्पी प्रश्नों की थी लेकिन 90
फीसदी से अधिक सवाल घुमाकर पूछे गए थे। ज्यादातर सवाल कथनों पर विचार करने, दिए गए कूट से सही उत्तर चुनने और सूची को सुमेलित करने वाले थे।
ऐसे में प्रश्नों को हल करने के लिए मिला दो घंटे का वक्त भी अभ्यर्थियों को कम लगा। अभ्यर्थियों का कहना है कि सामान्य अध्ययन का पेपर पीसीएस परीक्षा के स्तर का था। वहीं, दूसरी पाली में सामान्य हिंदी
पेपर आउट होने की अफवाह से परेशान रहे अभ्यर्थी
एक तरफ आरओ/एआरओ की प्रारंभिक परीक्षा शुरू हुई तो दूसरी ओर सोशल मीडिया पर प्रश्नों की लिस्ट वायरल होने लगी। दिनभर अफवाह रही कि पेपर आउट हो गया है। हालांकि, आधिकारिक रूप से इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई। शाम को परीक्षा पूरी होने के बाद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की ओर से बयान जारी किया गया कि आरओ/एआरओ की प्रारंभिक परीक्षा सकुलराल, निर्विघ्न और शुचितापूर्वक संपन्न हुई।
की परीक्षा में पूछे गए सवाल अभ्यर्थियों को आसान लगे। सामान्य हिंदी के पेपर में विलोम, वाक्य एवं वर्तनी शुद्धि, अनेक शब्दों के एक शब्द, तत्सम एवं तद्भव शब्द, विशेष्य और विशेषण, पर्यायवाची से संबंधित प्रश्न पूछे गए।