बेसिक शिक्षा में सुधार के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धि पाडेय एक्शन मोड में आ गई है। बीएसए ने शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए शिक्षकों की उपस्थिति बढ़ाने के साथ विद्यालयों में बच्चों की भी उपस्थिति बढ़ाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि यदि किसी विद्यालय में छात्र उपस्थिति कम है तो खंड शिक्षा अधिकारी वहां की समस्या को निस्तारित करें अन्यया बच्चों की कम उपस्थिति पर खंड शिक्षा अधिकारी की भी जवाबदेही तय की जाएगी।
कानपुर देहात की बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धि पहिय परिषदीय विद्यालयों के हालात सुधारने में जुटी हैं। विद्यालयों का निरीक्षण कर एक ओर शिक्षकों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए प्रयासरत है। वही बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए भी उन्होंने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए है। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए है कि विद्यालय में शिक्षक, प्रधानाध्यापक एवं अभिभावकों के साथ बैठक करवाये और अधिक से अधिक बच्चों को स्कूल में उपस्थित बढ़ाए। यदि किसी विद्यालय में बच्चों की
उपस्थिति कम पाई जाती है तो वहां के शिक्षकों की जवाब देही तय करने के साथ संबंधित क्षेत्र के खंड शिक्षा अधिकारी को भी जिम्मेदार ठहराया जाएगा और खंड शिक्षा अधिकारी की जवाब देही तय की जाएगी। इसलिए खंड शिक्षा अधिकारी विद्यालयों का नियमित भ्रमण करें और छात्र उपस्थिति बढ़ाने के साथ शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार लाएं। मनमानी रोकने के लिए चलेगा अभियान बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धि पांडेय ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक बेहतर प्रयास कर रहे हैं इसके चलते विद्यालयों में नवीन बच्चों के नामांकन में बढ़ोतरी हुई है और शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार भी आया है। लेकिन अभी भी कुछ शिक्षक नकारात्मक भावना में जी रहे हैं जो समय पर विद्यालय जाने और बच्चों को शिक्षा देने में लापरवाही अपना रहे हैं ऐसे लोगों पर कार्यवाही करने और उनकी मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए वह स्वयं नियमित विद्यालयों का निरीक्षण करेंगी और अनियमितता मिलने पर संबंधित शिक्षक के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान वह बच्चों की उपस्थिति समेत निपुण लक्ष्य के आधार पर शिक्षा व्यवस्था का आकलन करेंगी और गुण दोष के आधार पर कार्यवाही करते हुए व्यवस्था सुधारने का प्रयास करेंगी।
तीन चरणों में विद्यालय बनाए जाएंगे निपुण शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी ने विद्यालयों को तीन भागों में विभाजित किया है। जिसमें उत्कृष्ट, मध्यम एवं संघर्षील विद्यालय बनाए गए हैं। उत्कृष्ट विद्यालय निपुण होने की स्थिति में मध्यम विद्यालय में शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार लाकर उन्हें उत्कृष्ट विद्यालय की श्रेणी में लाया जा रहा है जबकि संघर्षशील विद्यालयों में कायाकल्प एवं अन्य मानकों की कमी के कारण उनकी पूर्ति करते हुए वहां शैक्षणिक गुणवत्ता में भी सुधार लाने के प्रयास किया जा रहे हैं। शिक्षा में सुधार के लिए भी बच्चों को इसी कैटेगरी में विभाजित कर शिक्षा प्रदान की जाएगी जिससे सभी बच्चों को समुचित ज्ञान उपलब्ध हो सकेगा।
बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धि पाडे ने बताया कि शिक्षक व छात्र उपस्थित को बढ़ाने और लापरवाह शिक्षकों तथा अन्य कर्मियों पर कार्यवाही करने की दृष्टि से विद्यालयों की क्रास चेकिंग कराई जाएगी। खंड शिक्षा अधिकारियों के निर्धारित कार्य क्षेत्र से अलग टीम बनाकर विद्यालय में भेजी जाएगी और विद्यालय बार रिपोर्ट संकलित की जाएगी और उनकी रिपोर्ट आने के बाद संबंधित लापरवाह कर्मियों पर कार्यवाही होगी इससे शिक्षक और बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा।