लखनऊ, राज्य सरकार मानव संपदा पोर्टल पर चल और अचल संपत्ति का ब्यौरा न देने वाले अधिकारियों व कर्मियों को अब पदोन्नति नहीं देगी। पदोन्नति कमेटी की बैठक में सिर्फ उन्हीं के नामों पर विचार किया जाएगा, जिन्होंने अपनी पूरी जानकारी ऑनलाइन कर दी होगी। अपर मुख्य सचिव कार्मिक डा. देवेश चतुर्वेदी ने गुरुवार को इस संबंध में शासनादेश जारी करते हुए सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश भेज दिया है।
अपर मुख्य सचिव ने शासनादेश में कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली-1956 में दी गई व्यवस्था के आधार पर मानव संपदा पोर्टल पर चल व अचल संपत्तियों का ब्यौरा देना अनिवार्य किया है। विभागाध्यक्षों को निर्देश दिया गया था कि एक जनवरी 2024 के बाद होने वाली विभागीय चयन समिति की बैठकों में उनके नामों पर विचार नहीं किया जाएगा, जिन्होंने ब्यौरा नहीं दिया होगा। शासन की जानकारी में आया है कि डीपीसी में इसका कड़ाई से पालन नहीं किया जा रहा है।
अपर मुख्य सचिव ने विभागाध्यक्षों को साफ तौर पर निर्देश दिया है कि भविष्य में होने वाली डीपीसी में इस आदेश का कड़ाई से पालन किया जाएगा। संपत्तियों का ब्यौरा देने वालों के नामों पर ही पदोन्नति का विचार किया जाएगा और जिन्होंने नहीं दिया है उनके नाम बैठक में नहीं रखे जाएंगे।