नई दिल्ली। निर्वाचन आयोग ने राज्यों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि जिन अधिकारियों का किसी जिले से तबादला चुनाव के पहले उसकी नीति के तहत किया जाता है उनकी नियुक्ति उसी संसदीय क्षेत्र में किसी जिले में नहीं हो। चुनाव पहले से अधिकारियों को स्थानांतरित करने की अपनी नीति में बदलाव करके निर्वाचन आयोग ने उन
खामियों को दूर करने की कोशिश की है, जिनका राज्य सरकारों की ओर से कथित तौर पर फायदा उठाया जा रहा था। यह कदम आयोग की ओर से उन मामलों पर गंभीरता से ध्यान देने के बाद उठाया गया है, जिनमें राज्य सरकारों की ओर से अधिकारियों को उसी संसदीय क्षेत्र के निकटवर्ती जिलों में स्थानांतरित किया गया था। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार की अगुवाई में निर्वाचन आयोग नै राज्यों से कहा है कि नीति का पूरी तरह पालन किया जाना चाहिए सिर्फ अनुपालन का दिखावा भर नहीं होना चाहिए।
यूपी में आयोग का दौरा 29 से 2 मार्च तक : लोकसभा चुनाव की तारीखों को लेकर लग रहे कयासों के बीच आयोग का उत्तर प्रदेश दौरा 29 फरवरी से 2 मार्च तक चलेगा। इस दौरान आयोग राज्य में चुनावी तैयारियों के साथ प्रशासनिक तैयारियों और मौजूदा हालात का जायजा लेगा। पिछली बार 11 मार्च को 7 चरणों में लोकसभा चुनावों की घोषणा हुई थी।