को इंदिरा नगर निवासी सुनील दुबे के बैंक खाते से 1.75 लाख रुपये की साइबर ठगी हुई थी। जालसाज ने उनके इंडसइंड बैंक के क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के नाम पर चपत लगाई थी। पीड़ित ने तत्काल साइबर हेल्पलाइन के निश्शुल्क नंबर 1930 पर काल कर सूचित किया, फिर पुलिस में शिकायत दी। इसकी प्रक्रिया के तहत इंस्पेक्टर सतीश साहू की टीम ने 20 फरवरी को जालसाज के खाते में फ्रीज कराया गया ठगी का पैसा पीड़ित को वापस कराने में सफलता हासिल कर ली।
इस तरह आप साइबर ठगी के शिकार होने पर तुरंत 1930 नंबर पर काल कर शिकायत दर्ज करवाएं। यह भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा संचालित एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर है।
शिकायत मिलते ही इस तरह कार्रवाई : सबसे पहले साइबर
ठगी होने पर पीड़ित को हेल्पलाइन नंबर 1930 पर काल कर शिकायत दर्ज करवाई होगी। इसके 24 घंटे के अंदर संबंधित पुलिस स्टेशन में शिकायत देनी होती है। हेल्पलाइन
• क्रेडिट कार्ड की लिमिट वढ़ाने के नाम पर चपत लगाने वाले से दिलाया गया पैसा
नंबर पर काल एक पुलिस अधिकारी द्वारा रिसीव कर पीड़ित द्वारा लेनदेन से संबंधित कुछ जरूरी विवरण मांगा जाता है। फिर पीड़ित का एक टोकन नंबर जेनरेट होगा और अपराधी के बैंक खाते, पेमेंट वालेट का पता लगाने व निकाली गई राशि को रोकने के लिए एक डिजिटल अलर्ट भेजा जाएगा। जैसे ही डिजिटल अलर्ट बजता है, सिस्टम द्वारा धोखाधड़ी वाले रकम को रोक या फ्रीज कर दिया जाता है।
लखनऊ में 1930 पर शिकायती की संख्या कम : इंस्पेक्टर सतीश साहू ने बताया कि हेल्पलाइन नंबर पर ठगी की तत्काल शिकायत करने के बाद पैसे वापसी की संभावना बढ़ जाती है। लखनऊ में ठगी की शिकायत 1930 नंबर पर करने वालों की संख्या काफी कम है। शिकायत करने वाले ज्यादातर लोगों के पैसों को बीच में फ्रीज करवाकर वापस भी कराया गया है। एक जनवरी से अभी तक करीब 78 लाख रुपये की वापसी हुई है।