आगरा, । यूपी बोर्ड परीक्षा का गुरुवार को गणित और जीव विज्ञान का पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। पेपर के वायरल होते ही शासन स्तर तक हड़कंप मच गया। उत्तर प्रदेश बोर्ड परीक्षाओं की कड़ी में गुरुवार को गणित एवं जीव विज्ञान का पेपर था। परीक्षा का आयोजन दूसरी पाली में दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजकर 15 बजे तक आयोजित किया गया था। लेकिन परीक्षा शुरू होने के एक घंटे बाद 3 बजे पेपर व्हाट्सएप पर पेपर वायरल हो गया था।
यूपी बोर्ड परीक्षा 22 फरवरी से शुरु हुईं है। गुरुवार को दो प्रमुख विषयों के पेपर थे, इसके लिए विभाग ने विशेष तैयारी की थी। लेकिन सख्ती होने के बाद भी पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इंटरमीडिएट के जीव विज्ञान और गणित का पेपर वॉट्सऐप ग्रुप पर वायरल होने से विभाग में खलबली मच गई। परीक्षा शुरू होने के 1 घंटे बाद ही दोनों पेपर वॉट्सऐप ग्रुप में डाले गए। लोगों ने पेपर लीक होने पर कहा कि यह क्या हो रहा है। हड़कंप ऐसा मचा कि मामला शासन तक पहुंच गया।
जीवन विज्ञान और गणित की परीक्षा का पेपर वायरल होने की खबर फैलते ही छात्र और अभिभावक भी सवाल उठाने लगे। गुरुवार को करीब तीन बजे ऑल प्रिंसिपल आगरा ग्रुप पर विनय चौधरी (मोबाइल नंबर 9897525748) ने जीव विज्ञान और गणित का पेपर डाला।
जिला पर्यवेक्षक डॉ. मुकेश अग्रवाल का कहना है कि जो पेपर व्हाट्सएप पर वायरल हुआ है। वही पेपर दूसरी शिफ्ट में आया था। लेकिन किसी भी केंद्र से मैच नहीं हो रहा है। वहीं विभाग एकदम हरकत में आ गया। संबंधित के खिलाफ एफआईआर करायी गई है।
कम्प्यूटर ऑपरेटर के नंबर से हुआ वायरल
पर्यवेक्षक डा मुकेश अग्रवाल ने बताया कि जीव विज्ञान संकेतांक 348 (जीएल) एवं इण्टरमीडिएट गणित संकेतांक 324 (एफसी) की फोटो वायरल हुई। उक्त वाट्सएप ग्रुप के माध्यम से मोबाइल नम्बर 9697525748 पर विनय चौधरी नाम आ रहा है। जानकारी करने पर ज्ञात हुआ है कि विनय चौधरी नामक व्यक्ति अतर सिंह इण्टर कॉलेज रौझोली किरावली आगरा विद्यालय कोड-1224 में कम्प्यूटर ऑपरेटर के पद पर कार्यरत है।
विनय चौधरी सहित तीन के खिलाफ एफआईआर
डीआईओएस दिनेश कुमार ने बताया कि पेपर वायरल की जांच में अतर सिंह इंटर कॉलेज के विनय चौधरी, केंद्र व्यवस्थापक राजेंद्र सिंह, अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक गंभीर सिंह जीएसके इंटर कॉलेज किरावली, स्टेटिक मजिस्ट्रेट डा. गजेंद्र सिंह को उक्त पोस्ट का दोषी मानते हुए एफआईआर दर्ज करायी गई है।
परीक्षा नहीं होगी रद्द
बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल के अनुसार दोनों प्रश्नपत्र परीक्षा शुरू होने के सवा घंटे बाद वायरल हुए हैं। इस बीच परीक्षार्थी सवा घंटे परीक्षा दे चुके थे। इतना ही नहीं, जो प्रश्नपत्र वायरल किया गया, उसकी हल कापी परीक्षा केंद्रों पर नहीं पहुंच सकी। इस कारण इससे किसी परीक्षार्थी को कोई लाभ नहीं हुआ है। यदि परीक्षा शुरू होने के पहले वायरल हुआ होता तो प्रश्नपत्र लीक माना जाता।
बोर्ड को पहुंचा दी गयी है सूचना
अधिकारियों के मुताबिक बोर्ड पेपर लीक होने से संबंधित जानकारी यूपी बोर्ड को उपलब्ध करवा दी गयी है। अब बोर्ड की ओर से क्या निर्णय लिया जाता है यह जांच के बाद ही पता चलेगा।
किसी को भी परीक्षा के साथ खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं दी जाएगी, इस मामले में दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। इस तरह की गतिविधियों में लिप्त लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
भानुचंद्र गोस्वामी
जिलाधिकारी, आगरा