वायरल पेपर से नकल माफिया तक पहुंचेगी पुलिस
प्रयागराज, आरओ-एआरओ परीक्षा में पेपर लीक होने का आरोप लगते ही मुख्यमंत्री के आदेश पर यूपी एसटीएफ को जांच सौंप दी गई थी। एसटीएफ इसकी जांच कर रही है। इधर, लोकसेवा आयोग ने छात्रों से पेपर लीक संबंधित साक्ष्य मांगे। पेपर लीक होने की पुष्टि होते ही लोकसेवा आयोग ने मुकदमा दर्ज करा दिया। अब सिविल लाइंस पुलिस ने लोकसेवा आयोग से पेपर लीक से संबंधित साक्ष्य मांगे हैं। पुलिस अब वायरल पेपर की मदद से नकल माफिया के गिरेबान तक पहुंचेगी।
आरओ-एआरओ का पेपर सोशल मीडिया पर वायरल रहा। परीक्षा खत्म होने से पहले प्रतियोगी छात्रों के व्हाट्सएप ग्रुप पर पेपर पहुंच गया था। उसी पेपर और सॉल्व पेपर की मदद से अब नकल माफिया तक पुलिस पहुंचेगी। साइबर सेल की मदद ली जा रही है। दरअसल वायरल पेपर और उत्तर कुंजी की तफ्तीश के लिए पुलिस पूरी चेन बना रही है। आयोग को मिली शिकायतों के आधार पर पुलिस जांच कर रही है कि किसने पहले वायरल प्रश्न भेजा था। छात्रों को कहां से जानकारी मिली। इस तरह कड़ी से कड़ी जोड़ी जा रही है। इसकी मदद से पुलिस आखिरी कड़ी तक पहुंचेगी। इसके बाद नकल माफिया को ट्रेस करना आसान हो जाएगा। सर्विलांस की मदद से इस बात की जांच की जा रही है कि कहीं साजिश के तहत इसे अंजाम तो नहीं दिया गया है। लोकसेवा आयोग को बदनाम करने के लिए इसे वायरल तो नहीं किया गया। इन सभी बिंदुओं पर तफ्तीश जारी है। नकल माफिया की परीक्षा केंद्र से सेटिंग हुई थी या आयोग के कर्मचारियों की मिली भगत है, इस सभी एंगल पर जांच होना अभी बाकी है। इसलिए पुलिस कड़ी से कड़ी जोड़ रही है।