मेलबर्न, । मोबाइल फोन की लत से बच्चे माता-पिता से दूर हो रहे हैं। एक शोध में अनुसार, जो बच्चे मोबाइल स्क्रीन के सामने अधिक समय बिताते हैं, वे अपने माता-पिता से काफी कम बातचीत करते हैं। ऐसे बच्चे कम बोलने के साथ कम सुनते भी हैं।
जर्नल जामा पीडियाट्रिक्स में प्रकाशित निष्कर्षों के अनुसार, मोबाइल स्क्रीन के सामने अधिक समय बिताने वाले बच्चे मोटापे और अवसाद का शिकार हो सकते हैं। इससे भी चिंताजनक पहलू यह है कि वे अपने माता-पिता और अन्य परिजनों से भी दूर होते जा रहे हैं।
बातचीत का माहौल भी जरूरी शोधकर्ताओं का दावा है कि बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए बोलचाल के वातावरण की भी जरूरत है। बच्चों को जितना अधिक बातचीत का माहौल मिलेगा, उतना ही उनका सामाजिक विकास होगा और दिमाग की कार्यक्षमता भी बढ़ेगी। उदाहरण के लिए स्क्रीन पर अधिक समय बिताने से 18 महीने का बच्चा 1.3 शब्द कम बोलता है। वहीं, जब तीन साल का बच्चा प्रतिदिन औसतन 2 घंटे 52 मिनट स्क्रीन को देखता है। इसके बाद हर अतिरिक्त मिनट स्क्रीन देखने पर वह 4.9 शब्द कम बोलता है।
ऑस्ट्रेलिया में हुआ शोध शोधकर्ताओं ने दक्षिण, पश्चिम ऑस्ट्रेलिया और क्वींसलैंड के 220 परिवारों पर शोध किया। इन परिवारों में वर्ष 2017 में पैदा हुए बच्चे थे। शोध के तहत मां और बच्चे के बीच शब्दों के आदान-प्रदान का रिकॉर्ड एकत्र किया गया।
अधिक वक्त मोबाइल फोन संग बीतने लगा
शोध के बाद मिले नतीजों के अनुसार, जैसे-जैसे ये बच्चे मोबाइल फोन की स्क्रीन के संपर्क में आते गए, वे अपने अभिभावक से दूर हो गए। उनका अधिकांश समय मोबाइल फोन के साथ बीतने लगा।
सीमित हो स्क्रीन का समय
● विशेषज्ञों के अनुसार, यदि दो वर्ष से कम उम्र का बच्चा है तो उसे स्मार्टफोन समेत सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज से दूर रहना चाहिए
● दो साल से अधिक उम्र के बच्चे आधे घंटे स्क्रीन देख सकते हैं। छह साल की उम्र से पहले इंटरनेट से दूरी आवश्यक है