प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट- – प्रशासन, गोरखपुर के 31 जनवरी – 24 के आदेश से याची पर की गई – गुंडा एक्ट की कार्रवाई रद्द कर दी। कोर्ट ने राज्य सरकार को 20 हजार रुपये याची को हर्जाना देने का आदेश दिया। साथ ही प्रमुख सचिव गृह को निर्देश जारी किया कि वह यह सुनिश्चित करें कि लोक सेवक कानून की सीमा में रहेंगे। उल्लंघन करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। यह आदेश याची रवि की – ओर से दायर याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सिद्धार्थ व न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर की पीठ ने दिया।
याची पर पीड़िता को भगाकर ले जाने के आरोप में थाना खजनी, गोरखपुर में दुष्कर्म, पॉक्सो सहित विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया – गया था। अतिरिक्त जिला – मजिस्ट्रेट-प्रशासन, गोरखपुर के आदेश से उसके खिलाफ गुंडा – एक्ट लगाया गया।
याची के अधिवक्ता ने कहा कि पीड़िता ने अपनी मर्जी से अपना घर छोड़ था और मुंबई में याची से शादी कर ली। सीआरपीसी की धारा 161 और धारा 164 के तहत दर्ज – बयान में पीड़िता ने खुद को बालिग – और याची को निर्दोष बताया। उसने कहा कि वह याची के साथ रहना चाहती है। इस मामले में
याचिकाकर्ता को 20 जून 2023 को जमानत पर रिहा कर दिया गया। याची पर और कोई मामला दर्ज नहीं है। इसके बाद अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट-प्रशासन ने गुंडा एक्ट की कार्रवाई की। शासकीय अधिवक्ता ने इन तर्कों को विरोध किया।
कोर्ट ने गुंडा एक्ट की कार्रवाई के लिए जारी नोटिस को रद्द कर दिया। साथ ही कहा कि अपर जिला मजिस्ट्रेट-प्रशासन, गोरखपुर ने कानून का उल्लंघन करते हुए आधिकारिक कर्तव्यों का उचित पालन किए बिना नोटिस जारी किया। प्रमुख सचिव को भी कोर्ट ने निर्देश दिया। याचिका को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने कहा कि दो माह के भीतर याची को 20 हजार हर्जाना दिया जाए।