प्रदेश के 1,33,035 परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक एवं कम्पोजिट विद्यालयों में सालभर में छात्र-छात्राओं की संख्या में लगभग 24 लाख की कमी हो गई है। 2022-23 सत्र की तुलना में शैक्षणिक सत्र 2023-24 में इतने बड़े अंतर पर बेसिक शिक्षा विभाग के अफसर भी हैरान हैं। बेसिक शिक्षा विभाग ने 30 दिसंबर 2023 को सोशल मीडिया साइट एक्स पर 2022-23 सत्र में कक्षा एक से आठ तक के 1.92 करोड़ विद्यार्थियों के पंजीकरण की बात साझा की थी।
यही नहीं इस बात पर अपनी पीठ थपथपाई थी कि पिछले छह वर्षों में छात्रसंख्या 40 लाख बढ़ी है। वहीं सात मार्च 2024 को महानिदेशक की ओर से भेजे गए आंकड़ों में छात्रसंख्या 1,67,84,645 है। स्पष्ट है कि एक साल में विद्यार्थियों की संख्या में 24 लाख से अधिक की कमी आई है। इस मामले में महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों से पूछताछ की है। अब स्कूलवार संख्या का मिलान करके प्रधानाध्यापकों से जवाब मांगा जा रहा है।
संगमनगरी में बच्चों की संख्या में 69 हजार की कमी
जिले के परिषदीय विद्यालयों में सत्र 2022-23 की तुलना में 2023-24 में छात्र नामांकन में लगभग 69000 की कमी आई है। बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण कुमार तिवारी ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों से इस पर जवाब तलब किया है। पूछा है कि यदि परिषदीय विद्यालयों में छात्रसंख्या में भारी गिरावट दिख रही है तो उसका वास्तविक कारण क्या है। विद्यालयों से उसका व्यक्तिगत स्पष्टीकरण प्राप्त करके संबंधित विद्यालयों के शिक्षकों पर कार्रवाई भी की जाए।
एक स्कूल में 286 बच्चे तक कम हो गए
सहसों के कम्पोजिट विद्यालय सिकंदरा में 2022-23 सत्र में 615 विद्यार्थियों का नामांकन हुआ था जो 2023-24 में 329 रह गया। यहां 286 बच्चे कम हो गए। कम्पोजिट स्कूल छाता बहरिया में पिछले साल 550 विद्यार्थी पंजीकृत थे और 2023-24 में 356 बच्चे हैं। यहां छात्रसंख्या में 194 की कमी आई है। भगवतपुर के प्राथमिक विद्यालय टिकारी उपरहार में 368 की बजाय 197 बच्चे ही पंजीकृत हैं। यहां बच्चों की संख्या में 171 की कमी है। कौंधियारा के प्राथमिक विद्यालय करमा में 190, कम्पोजिट विद्यालय बड़गोहानाकलां में 179 और कम्पोजिट विद्यालय अंबा में 171 बच्चे कम हुए हैं। इसी प्रकार सैकड़ों स्कूलों में छात्रसंख्या में कमी आई है।