दिल्ली, एजेंसी। भारतीय शेयर बाजारों के रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने का सीधा फायदा निवेशकों को होने जा रहा है। शेयर बाजारों में आई तेजी को बड़ी कंपनियां भुनाने में लगी हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक नए वित्त वर्ष 2024-25 में 50 से अधिक नए आईपीओ आ सकते हैं, जिनके जरिए कंपनियां एक लाख करोड़ जुटा सकती हैं। अगर बाजार में ज्यादा उठा-पटक नहीं हुई तो यह आंकड़ा इसके पार भी जा सकता है।
इस रिपोर्ट के अनुसार, 1 अप्रैल से शुरू हुए नए वित्त वर्ष में करीब 19 कंपनियों के आईपीओ शेयर बाजार में सूचीबद्ध होंगे, जिनका बाजार मूल्यांकन करीब 25,000 करोड़ रुपये है। इन्हें सेबी की अनुमति मिल चुकी है। वहीं 37 और कंपनियों के 45,000 करोड़ रुपये के आईपीओ प्रस्तावित हैं। इनमें भारती हेक्साकॉम, स्विगी, ओला इलेक्ट्रिक और टाटा समूह जैसे बड़े नाम शामिल हैं। टाटा समूह के आठ आईपीओ आने की संभावना है।
छोटी कंपनियों ने दिया मोटा मुनाफा पिछले वित्त वर्ष में आईपीओ में पहले दिन की औसत बढ़त 28 फीसदी थी। वहीं, 70 फीसदी से ज्यादा या 55 स्टॉक अभी भी अपने इश्यू प्राइस से ऊपर कारोबार कर रहे हैं। पिछले वित्त वर्ष में मिड-कैप और स्मॉल-कैप श्रेणी में सूचीबद्ध हुए शेयरों को भी अधिक फायदा हुआ।
पिछले साल जुटाए थे 62 हजार करोड़ रुपये बीते वित्त वर्ष 2023-24 में 76 कंपनियों ने आईपीओ पेश किए थे, जिनके जरिए करीब 62,862 करोड़ रुपये जुटाए गए। यह राशि इससे पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 21 प्रतिशत अधिक है। खुदरा निवेशकों की वजह से आईपीओ बाजार में तेजी बनी हुई है।