प्रयागराज। । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपीटीईटी 2021 के दो गलत प्रश्नों के एवज में अभ्यर्थी याचियों को ग्रेस मार्क और यूपी टीईटी 2019 के दो प्रश्नों के लिए याचियों को एक-एक अंक देकर नए सिरे से परिणाम घोषित करने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल ने यूपीटीईटी 2021 की अभ्यर्थी ममता यादव एवं 101 अन्य और मुकेश चतुर्वेदी की याचिका पर अधिवक्ता अनुराग अग्रहरि व अन्य को सुनकर दिया है। कोर्ट ने गत दो फरवरी को प्रगति अग्रवाल व 15 अन्य सहित 230 अभ्यर्थियों की याचिकाओं और टीईटी 2019 के अखिलेश व 14 अन्य सहित 727 अभ्यर्थियों की याचिकाओं यही आदेश किया था। इन मामलों मे भी
■ 2019 में याचियों को एक एक अंक देने का आदेश था न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल ने दिया आदेश
याचियों की स्थिति समान थी इसलिए कोर्ट ने प्रगति अग्रवाल केस के आलोक में याचिकाओं को निस्तारित कर दिया।
याचियों के अधिवक्ता अनुराग अग्रहरि का कहना था कि मोहम्मद रिजवान के केस में जिन प्रश्नों को लेकर कोर्ट में गलती पाई गई थी और ग्रेस मार्क देने का आदेश हुआ था, उन्हीं प्रश्नों को 2021 की परीक्षा में शामिल किया गया है इसलिए याची भी वैसी ही राहत पाने के अधिकारी हैं। सरकार की ओर से कहा गया कि प्रश्न विशेषज्ञ तय करते हैं
और कोर्ट विशेषज्ञ नहीं हो सकती। साथ ही जिन याचियों ने आंसर-की पर आपत्ति नहीं की है, उन्हें राहत पाने का अधिकार नहीं है। पिछली परीक्षा के गलत प्रश्न इस परीक्षा में दोबारा लिए गए हैं, इस गलती को सरकार की ओर से स्वीकार किया गया। जो प्रश्न पिछली परीक्षा में क्रमांक 16 व 131 पर थे, वही 2021 की परीक्षा में 8 व 141 क्रमांक पर हैं। कोर्ट ने दोनों प्रश्नों के ग्रेस मार्क देने का निर्देश दिया है।
2019 की परीक्षा में प्रश्न 83 व 144 सही नहीं पाए गए। कोर्ट ने सर्वोच्च न्यायालय से निर्णीत रणविजय सिंह केस के आधार पर याचियों को एक-एक अंक देने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने अन्य प्रश्नों पर पर्याप्त संदेह न होने के कारण हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।