सीधे खातों में जाएगी धनराशि, नकदी लेकर चलने को बताया आचार संहिता का उल्लंघन
भारत निर्वाचन आयोग ने खत्म की नकद धनराशि दिए जाने की व्यवस्था
• चुनाव आयोग के पोर्टल पर की जा रही मतदान कार्मिकों के खातों की फीडिंग
अमृत विचार। लोकसभा चुनाव ड्यूटी में लगे मतदान कार्मिकों को इस बार पोलिंग बूथ पर नकद मानदेय नहीं दिया जाएगा, बल्कि धनराशि उनके खाते में डीबीटी (डायरेक्ट बेनीफिशियरी ट्रांसफर) के माध्यम से भेजी जाएगी। इसके लिए सभी मतदान कार्मिकों के खातों की फीडिंग चुनाव आयोग के पोर्टल पर की जा रही है। वर्षों से चली आ रही इस परंपरा को भारत निर्वाचन आयोग ने इस बार खत्म कर दिया है।
लोकसभा चुनाव में प्रत्येक बूथ पर पीठासीन अधिकारी समेत चार मतदान अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाती है। हर बार मतदान के दिन पोलिंग पार्टियों के बूथ पर पहुंचने के बाद सेक्टर मजिस्ट्रेट मतदान कार्मिकों को नगद धनराशि के रूप में मानदेय देते थे। सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी बिनीत कटियार ने बताया कि कार या किसी अन्य वाहन में नकद धनराशि लेकर चलना आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। ऐसे में भारत निर्वाचन आयोग ने डीबीटी के माध्यम से उनके खाते में धनराशि भेजने के निर्देश जिला निर्वाचन अधिकारी को दिए हैं। इसके लिए जिन
मतदान कार्मिकों की ड्यूटी लगाई गई है, उनके बैंक खाते की फीडिंग पोर्टल पर की जा रही है। 12 मई को मतदान की पूर्व संध्या पर यह धनराशि उनके खाते में हस्तांतरित कर दी जाएगी।
ऑनलाइन दर्ज होगी मतदान कार्मिकों की हाजिरी
लोकसभा चुनाव में पोलिंग पार्टियों की हाजिरी ऑनलाइन ली जाएगी। इसके लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट को एक एप दिया गया है, जिसमें सभी मतदान कार्मिकों के नंबर फीड होंगे। बूथ पर उपस्थित होने के बाद उनकी हाजिरी एप में दर्ज कर दी जाएगी। सभी पोलिंग बूथों की जिओ टैगिंग पहले ही कर ली गई है, जिससे लोकेशन के अनुसार मतदान केंद्र की स्थिति अधिकारियों को स्वतः ज्ञात हो जाएगी।
नगद मानेदय की 6 व्यवस्था को इस बार चुनाव आयोग ने खत्म कर दिया है। डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए डीबीटी के माध्यम से धनराशि खातों में भेजी जाएगी। इस प्रक्रिया से सेक्टर मजिस्ट्रेटों को बूथों पर नकद धनराशि नहीं ले जानी पड़ेगी।
– आशीष कुमार सिंह, उप जिला निर्वाचन अधिकारी