बाराबंकी। वीते दो अप्रैल को बस पलटने से तीन छात्राओं समेत पांच लोगों की मौत व 37 बच्चों के घायल होने के मामले में हुई विभागीय जांच में विद्यालय के इंचार्ज प्रधानाध्यापक दोषी पाए गए। क्योंकि वे रास्ते में ही बस से उतर गए थे। बीएसए ने प्रधानाध्यापक को निलंबित करते हुए – खंड शिक्षा अधिकारी दरियाबाद को जांच सौंपी है।
बीते दो अप्रैल को सूरतगंज ब्लॉक के कंपोजिट विद्यालय हरक्का के बच्चों को लखनऊ में चिड़ियाघर भ्रमण के लिए ले जाया गया था।
वहीं से वापस आते समय देवा के – सलारपुर के पास बाइक को टक्कर मारने के बाद बस पलट गई थी।
हादसे में तीन छात्राओं व बस के परिचालक की मौत हो गई थी। जबकि हादसे में घायल बाइक सवार ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। इसे लेकर इंचार्ज प्रधानाध्यापक ज्ञानेश कुमार वर्मा ने ही बस चालक पर लापरवाही से बस चलाने का केस दर्ज कराया था।
जबकि विभाग ने तीन बीईओ की कमेटी गठित कर मामले की जांच कराई थी। बीएसए संतोष देव पांडेय ने बताया कि शैक्षिक भ्रमण में छह शिक्षक गए थे। लखनऊ से वापसी में इंचार्ज प्रधानाध्यापक ज्ञानेश कुमार वर्मा देवा पुल के पास बस से उतर गए थे। जबकि बच्चों को अभिभावकों को सौंपने व घर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी उनकी थी।
बिना अनुमति के भ्रमण, हादसे की सूचना तक नहीं दी
जांच में पाया गया कि बच्चों को भ्रमण पर ले जाने की अनुमति बीएसए से नहीं ली गई थी। प्रधानाध्यापक ज्ञानेश कुमार वर्मा ने हादसे के बाद अधिकारियों को सूचना तक नहीं दी। घटनास्थल पर भी नहीं पहुंचे थे। इसे घोर लापरवाही मानते हुए यह कार्रवाई की गई।
जांच में पाया गया कि रास्ते में ही उतर गए थे गुरुजी
हादसे में तीन छात्राओं समेत पांच की हुई थी मौत, बस चालक पर दर्ज हुआ था केस