प्रयागराज। आचार संहिता लागू होने की वजह से विकास भवन के अन्य कार्यालयों में तो अपेक्षाकृत सन्नाटा है लेकिन सीडीओ और परियोजना निदेशक दफ्तर में गहमा- गहमी का माहौल है। चुनावी ड्यूटी से नाम कटवाने के लिए आवेदन लेकर कर्मचारी लगातार पहुंच रहे हैं। शनिवार तक तीन हजार से अधिक आवेदन पहुंचे थे।
बडी संख्या में पति और पत्नी दोनों की ड्यूटी लगा दी गई है। नाम कटवाने के लिए आवेदन करने वालों में सबसे अधिक संख्या इन्हीं की है। महिला कर्मचारियों ने पति और पत्नी में किसी एक को ड्यूटी से मुक्त करने की मांग का आवेदन किया है।
हालांकि, इनमें से ज्यादातर की ड्यूटी नहीं कटेगी। यानि, पति और पत्नी दोनों को नौकरी करनी होगी। अफसरों का स्पष्ट कहना है कि दो वर्ष पांच महीने से छोटा बच्चा है तभी मां को ड्यूटी से मुक्त किया
बच्चा ढाई वर्ष से वर्ष से बड़ा तो पति और पत्नी दोनों को करनी पड़ेगी ड्यूटी
जाएगगा। अन्यथा, दोनों को ड्यूटी करनी होगी।
इसके अलावा तबीयत खराब होने के आधार पर भी बड़ी संख्या में लोगों ने ड्यूटी से मुक्त किए जाने की मांग की है। एजी ऑफिस के एक कर्मचारी का कहना था कि 2014 में किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था। इसी तरह से कोई लंबे समय से बीपी की दवा खा रहा है तो किसी की बाई पास सर्जरी भी हुई है। इस आधार पर वे ड्यूटी से मुक्त किए जाने की मांग कर रहे हैं। ऐसे आवेदकों के परीक्षण के लिए मेडिकल टीम गठित की गई है। मेडिकल टीम की रिपोर्ट के आधार पर उनके ड्यूटी करने पर निर्णय लिया जाएगा।
सीडीओ गौरव कुमार का कहना है कि निर्वाचन आयोग के निर्देश के अंतर्गत ही ड्यूटी काटी जाएगी।