प्रतापगढ़। बच्चों में खेल का हुनर विकसित करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में खेल सामग्री खरीदने के लिए 1.56 करोड़ रुपये दिए हैं। जिले के अधिकांश स्कूलों में खेल सामग्री की खरीद नहीं हुई और खाते से रुपये निकाल लिए गए हैं। यह जानकारी बीएसए को होने पर नाराजगी जताते हुए पत्र जारी किया है।
जिले के 1671 प्राइमरी और 722 मिडिल स्कूलों के बच्चों को खेल सामग्री
खरीदने के लिए बेसिक विभाग ने 1.56 करोड़ रुपये का बजट दिया था। प्रत्येक प्राइमरी स्कूल के लिए पांच-पांच हजार और मिडिल स्कूल के लिए दस-दस हजार रुपये दिए गए थे। जिले के अधिकांश स्कूलों के प्रधानाध्यापकों ने रुपये तो निकाल लिए, मगर खेल सामाग्री की खरीद नहीं की गई। खंड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से बीएसए के पास तक मामला पहुंचने पर पूरे जिले में जांच अभियान चलाने का फैसला लिया है। बीएसए ने पत्र जारी करके प्रधानाध्यापकों नाध्यापकों को चेताया है कि खेल साम्मश्री स्कूल उपलब्ध होनी
चाहिए, किसी भी दिन जांच करने के लिए अधिकारी पहुंच सकते हैं। अगर स्कूल में खेल सामग्री नहीं मिली, तो शिक्षक पर कार्रवाई होना तय है। विभाग के इस आदेश से प्रधानाध्यापकों की परेशानी बढ़ गई है।
शारीरिक विकास के लिए खेल अनिवार्य: स्कूलों में पठन-पाठन के साथ ही बच्चों के शारीरिक विकास के लिए खेल सामग्री की खरीद होना है। आठवें घंटे में प्रतिदिन बच्चे अपने पसंद के खेल स्कूल में खेले, इसके लिए विभाग ने बजट जारी किया था, मगर अधिकांश प्रधानाध्यापकों शासन की मंशा पर पानी फेर दिया है।
सभी स्कूलों में खेल सामग्री खरीदने के लिए धनराशि भेजी गई है। अगर किसी स्कूल में अभी सामग्री नहीं ई है, तो यह अनियमितता की श्रेणी में आता है। ऐसे लोगों को चिल्लित करके
कार्रवाई की जाली।
भूपेंद्र सिंह, बीएसए