आगरा। फर्जी नियुक्ति प्रकरण में जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के कर्मचारियों में दो गुट बन गए हैं। दोनों गुट सोशल मीडिया पर एक-दूसरे के पुराने मामले खोलकर आरोप लगा रहे हैं। उधर, जांच चार दिन से ठंडे बस्ते में पड़ी है।
माध्यमिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में फर्जी नियुक्तियों की शिकायत है। शासन के स्तर से इस पर जांच बैठा दी गई है। संयुक्त शिक्षा निदेशक ने सभी 7 स्कूलों की पत्रावलियां डीआईओएस कार्यालय से तलब की हैं। हालांकि अब तक यह पत्रावलियां उपलब्ध नहीं कराई गई हैं।
इस बीच कर्मचारियों की रार सोशल मीडिया पर पहुंच गई है। विभाग में अधिकारी के खास शिक्षक ने एक ऑडियो प्रधानाचार्यों के ग्रुप पर शुक्रवार सुबह अपलोड किया। यह ऑडियो कई माह पुराना बताया जा रहा है। इसमें विभाग का एक कर्मचारी एक पूर्व अधिकारी के विषय में गलत भाषा का प्रयोग कर रहा है।
वहीं कर्मचारी की तरफ से शिक्षक की फर्जी नियुक्ति के मुद्दे पर पत्र वायरल किया गया है। कहा गया कि बिना स्कूल
जाए, शिक्षक को प्रमोशन भी मिल गया। दूसरी तरफ फर्जी नियुक्ति की जांच का मामला ठंडे बस्ते में है। संयुक्त शिक्षा निदेशक के स्तर से पत्रावलियों के लिए केवल पत्र ही भेजे जा रहे हैं। डीआईओएस कार्यालय के बाबुओं पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है। पिछले चार दिन में जांच एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सकी है। इस बीच पत्रावलियों से छेड़छाड़ की चर्चा भी विभाग में चल रही है।
संयुक्त शिक्षा निदेशक आरपी शर्मा का कहना है कि शिकायत वाले स्कूलों की पत्रावलियां उपलब्ध करानी होगी। इसके साथ कई शिकायत और मिली है, उसकी भी जांच की जा रही है।