खैर क्षेत्र के गांव फतेहगढ़ी से 13 वर्ष पहले फिरौती वसूली के लिए शिक्षक के अपहरण में दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। इस मुकदमे में पांच दोषियों को पूर्व में सजा हो चुकी है। सजा पाने वाला यह छठवां अपराधी है। यह फैसला एडीजे-6 नवल किशोर सिंह की अदालत से सुनाया गया है।
अभियोजन अधिवक्ता एडीजीसी जेपी राजपूत के अनुसार घटना 20 दिसंबर 2011 की है। वादी मुकदमा फतेहगढ़ी निवासी पंकज शर्मा के अनुसार उनके शिक्षक पिता जगदीश प्रसाद शर्मा रोजाना की तरह विद्यालय पढ़ाने गए थे। इसके बाद न वे वापस लौटे और न उनका पता लगा। इस संबंध में 24 दिसंबर को गुमशुदगी दर्ज कराई। बाद में उसे अपहरण में तरमीम किया गया। दौरान-ए-विवेचना इस प्रकरण में फिरौती वसूली के लिए अपहरण के सबूत मिले और शिक्षक एक जनवरी 2012 को पांच लाख रुपये की फिरौती देकर अपराधियों के चंगुल से छूटकर आए।
मामले में पुलिस को एक स्कार्पियो का सुराग लगा, जिसमें शिक्षक को अगवा किया गया था। उस स्कार्पियो की शिनाख्त के आधार पर मुखबिर की सूचना पर बाद में राजस्थान भरतपुर के सूरजपुर रूपवास के जितेंद्र उर्फ जीतू के अलावा सोनू, रामेश्वर, धर्मवीर, जितेंद्र, योगेंद्र को क्रमवार गिरफ्तार किया गया। सबसे पहले सोनू को स्कार्पियो सहित पकड़ा था। उसी ने बताया था कि योगेंद्र ने अपहरण की साजिश रची थी। उसी ने आदमी एकत्रित कर अपहरण किया और पांच लाख की फिरौती वसूली। गिरफ्तारी के समय अपराधियों से स्कार्पियो व फिरौती के जरिये हिस्से में आई रकम भी बरामद हुई। बाद में सभी पर चार्जशीट दायर की गई।
सत्र परीक्षण के दौरान न्यायालय ने पांच अक्तूबर 2018 को सभी को उम्रकैद की सजा सुनाई। दस-दस हजार रुपये अर्थदंड भी दिया। मगर, उस समय भरतपुर का जितेंद्र उर्फ जीतू अदालत में हाजिर नहीं हुआ और फरार हो गया। तब इस पर न्यायालय ने गैर जमानती वारंट, कुर्की आदि जारी किए। तमाम प्रयास के बाद 7 जुलाई 2023 को जितेंद्र को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा। तब उसके खिलाफ ट्रायल शुरू हुआ। साक्ष्यों व गवाही के आधार पर अब जितेंद्र को भी उम्रकैद व दस हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया है