, कप्तानगंज : नगरीय समेत ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा विभाग के अधिकारियों की उदासीनता से बिना मान्यता वाले स्कूल फल-फूल रहे हैं। जबकि विभाग की कार्रवाई ऐसे स्कूलों को चिह्नित किए जाने तक सिमटी हुई है। इससे संचालकों का मनोबल बढ़ रहा और महंगे कापी- किताब और ड्रेस के नाम पर अभिभावकों की जेब ढीली हो रही है। बच्चों के भविष्य से भी खिलवाड़ किया जा रहा है। विभाग के आंकड़े पर गौर किया
जाए तो कप्तानगंज तहसील के बोदरवार, मथौली, कप्तानगंज कस्बा, इंदरपुर, रामकोला में पिछले सत्र में बिना मान्यता वाले स्कूलों की संख्या 50 के आसपास थी। इस सत्र में ऐसे स्कूलों की संख्या लगभग दोगुणा हो गई है। केवल कप्तानगंज ब्लाक में शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बिना मान्यता वाले 20 स्कूलों को चिह्नित किया था। इन स्कूलों के संचालकों की ओर से महंगी फीस वसूलने के साथ जबरदस्ती कापी-किताब व ड्रेस भी दिया जाता है। पिछले सत्र में विभाग ने बिना मान्यता वाले स्कूलों के विरुद्ध अभियान शुरू किया था। कई स्कूलों की जांच कर कार्रवाई भी हुई थी। नए शिक्षण सत्र में कार्रवाई को लेकर अधिकारी उदासीन दिख रहे हैं।
♦️बिना मान्यता चल रहे स्कूल, बंद कराने के नाम पर अधिकारियों ने साधी चुप्पी
♦️बोदरवार, मथौली, इंदरपुर, रामकोला में चिह्नित किए जा चुके हैं विद्यालय
बिना मान्यता वाले कई स्कूलों में मानक का भी अनुपालन नहीं किया जा रहा है। टीनशेड में स्कूल संचालित हो रहे हैं। इस तरफ अधिकारियों का ध्यान नहीं जा रहा है। इससे दुर्घटना की आशंका हमेशा बनी रहती है।
बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. रामजियावन मौर्य ने बताया कि खंड शिक्षाधिकारियों को पत्र जारी कर बिना मान्यता वाले स्कूलों के बारे में आख्या मांगी गई है। बिना मान्यता वाले स्कूलों के विरुद्ध शीघ्र ही जांच अभियान चलाया जाएगा। दोषी संचालकों के विरुद्ध कार्रवाई होगी।