। राज्य उपभोक्ता आयोग ने बजाज एलियांज लाइफ इंश्योरेंस कंपनी को क्लेम न देने का दोषी पाया है। अपने आदेश में जिला उपभोक्ता आयोग के पूर्व में दिए आदेश को सही माना। आयोग ने एक माह में पीड़ित को भुगतान का निर्देश दिया है। इसमें सात फीसदी ब्याज दर के साथ 3.45 लाख रुपये, मानसिक उत्पीड़न के एवज में पांच हजार और मुकदमा खर्च दो हजार रुपये है।
यह आदेश आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अशोक कुमार ने बांदा के कैमइहा डेरा गांव के निवासी दक्ष कुमार की अपील पर सुनाया है। अपीलकर्ता की पत्नी ने 19 अक्तूबर 2016 को 3.45 लाख का बीमा कराया था। प्रीमियम भी जमा कर दिया था। इसके बाद 4 जनवरी 2017 को फरियादी की पत्नी के पेट में दर्द हुआ और मौत हो गई। बीमा कंपनी ने क्लेम ठुकराते हुए कहा था कि पॉलिसी लेते समय नियम-शर्तों की पूरी जानकारी दी गई थी। आयोग ने कहा कि बीमा कंपनी के नियम व शर्तों के दर्जनों पृष्ठ अंग्रेजी में महीन शब्दों में होते हैं। इसे पढ़ पाना शिक्षित लोगों के लिए भी कठिन है, उन्हें सामान्यजन और अशिक्षित लोग भला कैसे पढ़ सकते हैं।