दुनियाभर में कोरोना महामारी के दौरान लोगों को टीके मुहैया कराने वाली ब्रिटेन की प्रमुख फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका अब अपने कोरोना के टीके को वापस मंगा रही है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि उपलब्ध टीकों की अधिक संख्या को देखते हुए इन्हें वापस मंगाया जा रहा है।
एस्ट्राजेनेका के कोविड टीकों को भारत में कोविशील्ड और यूरोप में वैक्सजेवरिया के नाम से बेचा गया था। यूरोपीय संघ (ईयू) की औषधि नियामक यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी ने एक नोटिस जारी कर पुष्टि की कि मार्च में एस्ट्राजेनेका द्वारा मंजूरी वापस लेने के बाद वैक्सजेवरिया अब ईयू के 27 सदस्य देशों में इस्तेमाल के लिए अधिकृत नहीं है। एस्ट्राजेनेका ने कहा, वह वैक्सजेवरिया के लिए विपणन मंजूरी वापस लेने को दुनियाभर के नियामक अधिकारियों संग काम करेगी।
दुष्प्रभाव की बात स्वीकार कर चुकी है कंपनी वैश्विक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एस्ट्राजेनेका ने हाल ही में स्वीकार किया था कि उसकी कोविड वैक्सीन के दुष्प्रभाव हो सकते हैं। उसने कहा था कि उसके टीकों के कारण खून के थक्के जमने और प्लेटलेट कम होने के मामले सामने आए हैं। हालांकि, कंपनी ने कहा कि वैश्विक महामारी को समाप्त करने में वैक्सजेवरिया ने जो भूमिका निभाई, उस पर हमें गर्व है।
कंपनी ने कहा- टीके का दुष्प्रभाव वजह नहीं
कंपनी के अनुसार, टीकों का इस्तेमाल शुरू होने के बाद के पहले वर्ष में 65 लाख से अधिक लोगों की जान बचाई गई और दुनियाभर में तीन अरब से अधिक डोज की आपूर्ति की गई। कंपनी ने कहा कि हमारे प्रयासों को दुनिया भर की सरकारों ने मान्यता दी है। कंपनी ने कहा कि अब कई प्रकार के कोविड टीके विकसित हो चुके हैं, इसलिए ‘वैक्सजेवरिया’ की मांग में घटी है। इसका उत्पादन अब नहीं किया जा रहा है। टीके को वापस लेने का निर्णय इसके दुष्प्रभावों पर हाल ही में अदालती मामले से जुड़ा नहीं है। भारत में कोविड टीकों की 220 करोड़ से अधिक खुराकें दी गईं, उनमें से अधिकांश कोविशील्ड थीं।