अमृत विचार। अधिकारियों के उन दावों की पोल खुल गई है जिसमें कहा गया है कि जो मतदानकार्मिक प्रशिक्षण से गैरहाजिर रहे उनका वेतन रोक दिया गया है। अब तक किसी का वेतन रोका गया है और न ही रिपोर्ट दर्ज हुई। मामला हवाहवाई निकला है।
दरअसल, शहर के पुलिस लाइन के निकट स्थित एक प्राइवेट स्कूल में तीन से आठ मई तक मतदानकार्मिकों का प्रशिक्षण चला। हर रोज मतदानकार्मिक गैरहाजिर रहे। अधिकारियों की ओर से जारी हुई विज्ञप्ति के मुताबिक कुल छह दिनों में 76 कार्मिक प्रशिक्षण लेने नहीं आए। प्रभारी अधिकारी कार्मिक राम कृपाल चौधरी की ओर से गैरहाजिर कार्मिकों की सूची जारी की गई। साथ ही कहा गया कि संबंधित विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि अनुपस्थित मतदानकार्मिकों का मई का वेतन रोका जाए। साथ ही उनके खिलाफ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा-134 के तहत एफआईआर दर्ज कराई जाए। प्रभारी अधिकारी कार्मिक ने विभागीय कार्रवाई कर रिपोर्ट भी मांगी। कार्रवाई करने को लेकर जारी हुई विज्ञप्ति में प्रतिलिपि जिला निर्वाचन अधिकारी शुभ्रान्त शुक्ल, एसपी अमित आनंद व वरिष्ठ कोषाधिकारी अनिल मिश्र को भी भेजी गई। इसके अलावा डीपीआरओ, डीआईओएस, प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी, पीडब्ल्यूडी एक्सईएन, नलकूप एक्सईएन, एआरटीओ, बीएसए, ईओ तिर्वा व समधन, प्रभारी जिला कृषि रक्षा अधिकारी को भी कार्रवाई के लिए लिखने की बात बताई गई।
अभी बताना मुश्किल है कि कितने कार्मिकों का वेतन रोका गया। कार्यालय में बैठकर ही बता सकते हैं। कुछ लोग अगले दिन ट्रेनिंग कर गए, इस वजह से कार्रवाई नहीं हुई होगी।
प्रशिक्षण से मतदानकार्मिकों के गैरहाजिर रहने को लेकर वेतन रोकने का कोई भी आदेश अब तक – नहीं मिला है। अगर कोई पत्र आएगा – तो कार्रवाई की जाएगी।
– अनिल मिश्र, वरिष्ठ कोषाधिकारी