प्रयागराज के परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत तकरीबन सात हजार शिक्षकों के खाते में आठ महीने से राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) की कटौती की 33 करोड़ रुपये की धनराशि नहीं पहुंची है। इससे प्रत्येक शिक्षक को हर महीने हजारों रुपये ब्याज का नुकसान हो रहा है। एनपीएस के रूप में हर महीने वेतन की 10 प्रतिशत कटौती होती है।
प्रत्येक शिक्षक का औसतन छह हजार रुपये प्रति माह के हिसाब से आठ महीने का तकरीबन 48 हजार खाते में नहीं पहुंचा है। जिले के लगभग सात हजार शिक्षकों की धनराशि जोड़ें तो 33 करोड़ से अधिक होती है। इसके अलावा इस राशि का 14 सरकारी अंशदान भी खाते में जमा नहीं हुआ है।
इससे शिक्षकों में बेचैनी भी है। यह स्थिति तब है जबकि कानपुर नगर, इटावा, महराजगंज, सहारनपुर, मुरादाबाद, आजमगढ़ व बिजनौर आदि जिलों में मार्च तक और गोरखपुर, शाहजहांपुर, अमरोहा, लखीमपुर, संभल, अमेठी, बाराबंकी, फतेहपुर, बलरामपुर व पीलीभीत में फरवरी तक की कटौती शिक्षकों के खाते में पहुंच चुकी है। शिक्षक नेता अनुराग सिंह का कहना है कि अगर जून तक कटौती शिक्षकों के खाते में नहीं पहुंची तो वे उच्च न्यायालय की शरण लेंगे। सुधेश पांडेय ने आठ महीने का अंशदान अविलंब शिक्षकों के खाते में जमा करने की मांग की है।
एनपीएस का बजट मार्च अंत में मिला था। उसके बाद एक अप्रैल से आधार लिंक करने का नियम आ गया। यह प्रक्रिया एक-दो दिन में पूरी हो जाएगी और फिर कटौती की राशि शिक्षकों के खाते में ट्रांसफर हो जाएगी। नीतू सिंह, वित्त एवं लेखाधिकारी, बेसिक शिक्षा-प्रयागराज
क्या बोले शिक्षक नेता
प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष देवेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि शिक्षकों के खाते में सितंबर से एनपीएस की कटौती न पहुंचना चिंताजनक है। इससे उन्हें निवेश का लाभ नहीं मिल पा रहा।