*जानकारी के अभाव में या कहिए जानबूझकर, बहुत से विद्यालय हैं जहां सीनियर को प्रभार न देकर जूनियर को प्रभार दिया गया है जो कि न्यायसंगत और विधिअनुकूल नहीं है।
*बहुत सारे वरिष्ठ शिक्षक हैं जिन्हें सीनियरिटी का रूल्स नहीं पता हर 2 वर्ष पर सचिव के द्वारा आदेश निर्गत होता रहता है कि जनपद की प्रथम मौलिक नियुक्ति तिथि के आधार पर विद्यालय का चार्ज सीनियर को दिया जाए अन्यथा बीएसए और एसडीआई के ऊपर कार्यवाही होगी।*